पुतिन का दावा- रूस कभी भी चुनाव हैकिंग में शामिल नहीं हुआ, आरोप बेकार है
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को इन बातों को खारिज किया कि हैकरों के जरिये कहीं भी चुनावों को प्रभावित किया जा सकता है और इस बात से इनकार किया कि उनकी सरकार ने कभी ऐसा किया है या कभी ऐसा करेगी. उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि हो सकता है कि कुछ ‘देशभक्त लोगों’ ने पश्चिम के रूस के खिलाफ दुष्प्रचार के जवाब में साइबर हमले किए हों.
पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियों के सपांदकों के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘अगर वे देशभक्ति की तरफ झुकाव रखते हैं तो वे उन लोगों के खिलाफ लड़ाई में योगदान देने की कोशिश कर सकते हैं जो रूस के खिलाफ बोलते रहते हैं. उन्होंने कहा, ‘सैद्धांतिक तौर पर यह संभव है. लेकिन उन्होंने तुरंत ही इस तरह की बातों से दूरी बना ली कि रूस चुनावी हैकिंग में संलिप्त था.
यह पूछे जाने पर कि क्या रूसी हैकर इस साल के अंत में जर्मनी के संसदीय चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं, पुतिन ने कहा, ‘हम राष्ट्र के स्तर पर ऐसी चीजों में कभी भी संलिप्त नहीं रहे और न ही ऐसा करने का कोई इरादा है.’
अमेरिका के विगत राष्ट्रपति चुनाव के समय से रूस द्वारा चुनावी हैकिंग किए जाने की बातें विवाद के केंद्र में रही हैं. इस चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का आरोप है कि रूस ने डेमोकेट्रिक पार्टी के ई-मेल हैक किए जिससे ट्रंप को अपनी डेमोकेट्रिक प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन के खिलाफ जीत हासिल करने में मदद मिली. पुतिन ने कहा कि किसी भी सूरत में हैकर चुनाव परिणामों को संभवत: नहीं पलट सकते क्योंकि मतदाताओं को इतनी आसानी से प्रभावित नहीं किया जा सकता.
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उन्होंने कहा, ‘मेरा पूरी तरह से मानना है कि कोई भी हैकर दूसरे देश के चुनाव प्रचार अभियान को बहुत अधिक प्रभावित नहीं कर सकता. कोई भी हैकर यूरोप, एशिया या अमेरिका में किसी भी देश के चुनाव अभियानों को प्रभावित नहीं कर सकता. पुतिन ने कहा कि यह भी संभव है कि दूसरे देशों के हैकरों ने रूस को फंसाया हो.’
उन्होंने कहा, ‘मैं कल्पना कर सकता हूं कि रूस की छवि इस तरह के हमलों के मूल में होने के रूप में पेश करने के लिए कुछ लोग ऐसा जानबूझकर करते हैं. ‘आधुनिक प्रौद्योगिकियां के जरिए यह सब बड़ी आसानी से किया जा सकता है.’
पुतिन ने कहा कि रूस किसी भी जर्मन नेता के साथ रचनात्मक रूप से काम कर सकता है. उन्होंने कहा कि कुछ मतभेदों के बावजूद जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल से उनके अच्छे संबंध हैं. चुनाव के समय फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैन्युएल मैक्रान के प्रतिद्वंद्वियों के प्रति पुतिन के सार्वजनिक रूप से सहानुभूति जताए जाने से फ्रांस में भी रूसी हस्तक्षेप को लेकर चिंता थी. मैक्रान के सहयोगियों ने फरवरी में दावा किया था कि रूसी समूह उनके अभियान में हस्तक्षेप कर रहे हैं और एक दस्तावेज लीक होने से फ्रांसीसी चुनाव के अंतिम घंटों में मैक्रान के अभियान पर असर पड़ा. रूस ने चुनाव में दखलंदाजी के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है.
शीतयुद्ध के बाद यूक्रेन संकट को लेकर पश्चिम के साथ रूस के संबंधों में ठहराव रहा है. यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप को रूस में मिलाए जाने और पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक विद्रोह का समर्थन किए जाने के चलते अमेरिका और यूरोपीय संघ ने मॉस्को पर प्रतिबंध लगाए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस के खिलाफ आथिर्क प्रतिबंधों का ‘शून्य प्रभाव’ रहा है. उन्होंने कहा कि संबंधों में चल रहे वर्तमान तनाव में कमी आएगी क्योंकि ‘‘यह प्रतिकूल और हानिकारक है.