एंटी करप्शन को भी ईडी जैसी शक्तियां देने की तैयारी, काली कमाई से बनाई संपत्तियां भी कर सकेगा जब्त
यूपी पुलिस का एंटी करप्शन ब्यूरो भी अब प्रवर्तन निदेशालय की तर्ज पर भ्रष्टाचार से खड़ी की गई संपत्तियों को जब्त कर सकेगा। ब्यूरो ने इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है जिसपर शासन स्तर पर मंथन चल रहा है। माना जा रहा है कि प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही ब्यूरो के पास भी काली कमाई के जरिये अर्जित संपत्तियों व बैंक खातों को जब्त करने का अधिकार मिल जाएगा।
एंटी करप्शन की कानपुर यूनिट के प्रभारी सीओ जयराम सिंह ने बताया कि वर्तमान में ब्यूरो सिर्फ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने तक सीमित था। इस वजह से भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों पर तो कार्रवाई हो जाती थी लेकिन अर्जित संपत्तियों पर कोई खास खतरा नहीं रहता था। इन संपत्तियों पर कार्रवाई के लिए ईडी जैसी एजेंसी से संपर्क करना पड़ता था। यही वजह है कि कई मामलों को आधार बनाकर ब्यूरो मुख्यालय ने प्रस्ताव तैयार कर शासन भेजा है। इस प्रस्ताव पर मंथन भी शुरू हो गया है।
थाने के लिए जमीन चिह्नित, खुद दर्ज करेंगे मुकदमे
सीओ एंटी करप्शन ने बताया कि कानपुर में एंटी करप्शन का थाना बनाने के लिए बिठूर और मकसूदाबाद में जगह चिह्नित की गई है। 29 जून को लखनऊ में एडीजी राजा श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बैठक में इसपर चर्चा के बाद हरी झंडी मिलते ही थाना निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। थाना बनने के बाद यूनिट खुद ही मुकदमे भी दर्ज कर विवेचना करेगी। साथ ही आरोपी को अपनी की कस्टडी में अपने थाने में रख सकेगी। वर्तमान में एंटी करप्शन को संबंधित जिले के किसी थाने में रिपोर्ट दर्ज करानी होती है। साथ ही आरोपी व बरामद माल को भी दाखिल करना होता है। बाद में पत्राचार कर मामले की विवेचना अपने पास ट्रांसफर करानी पड़ती है। इसमें काफी समय खराब होता है।
बढ़ेगा एंटी करप्शन का स्टाफ
सीओ ने बताया कि मौजूदा समय में कानपुर यूनिट में 7 इंस्पेक्टर, 2 दरोगा, 8 हेड कांस्टेबल, 8 कांस्टेबल, 2 ड्राइवर और एक चपरासी है। थाना की मंजूरी मिलने के साथ ही स्टाफ बढ़ाने के लिए भी एक प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। वहीं, जिलों में भी एक-एक चौकी बनाई जाएगी जिसमें एक सब इंस्पेक्टर व सिपाही तैनात किए जाएंगे। इलाके में भ्रष्टाचार से जुड़ी गतिविधियों और आने वाली शिकायतों पर ये नजर रखेंगे और यूनिट प्रभारी को सूचना देंगे।
कानपुर यूनिट में आते हैं 17 जिले
सीओ जयराम सिंह ने बताया कि एंटी करप्शन की कानपुर यूनिट के अधीन 17 जिले आते हैं। कानपुर से ही अधिकारी कानपुर नगर, देहात, औरैया, इटावा, फर्रुखाबाद, कन्नौज, प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़, फतेहपुर, बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर और जालौन तक कार्रवाई व जांच के लिए जाते हैं।
सिपाही समेत कई की चल रही है आय से अधिक संपत्ति की जांच
वर्तमान में कानपुर यूनिट आय से अधिक संपत्ति के मामले में फंसे कई सरकारी मुलाजिमों की जांच कर रही हैं। संभागीय निरीक्षक प्राविधिक ललित कुमार के पास आय से 73.6 प्रतिशत ज्यादा संपत्ति मिली थी। इसी तरह 13 फरवरी को आय से अधिक संपत्ति के मामले में चकेरी के श्यामनगर निवासी बर्खास्त सिपाही श्याम सुशील मिश्रा पास भी आय से तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति मिली है। बताया जा रहा है कि उसके पास इसके अलावा भी करीब 50 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। रिटायर्ड डीएसपी मो. वसीम खान के पास भी आय से 404.81 फीसदी ज्यादा अधिक संपत्ति मिली थी। इन मामलों एसीबी संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार न होने की वजह से जांच तक सीमित है।