जरीबचौकी अंडरपास की प्रोजेक्ट रिपोर्ट 80 प्रतिशत तैयार, गुरुग्राम की एजेंसी बना रही DPR
कानपुर में जीटी रोड किनारे आईआईटी से अनवरगंज तक बनने वाले एलिवेटेड रेलवे ट्रैक के आड़े आ रहे जरीबचौकी क्रासिंग पर बनने वाले अंडरपास का निर्माण इसी साल शुरू हो सकता है। गुरुग्राम की कंसल्टेंट एजेंसी ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) करीब 80 प्रतिशत तैयार कर ली है। 10 दिन में रिपोर्ट पूरी तैयार हो जाएगी, इसके बाद यह रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
करीब 680 करोड़ रुपये से बनने वाला यह अंडरपास चार दिशाओं में खुलेगा। एक तो कालपी रोड, दूसरा जीटी रोड पर गुमटी की ओर, तीसरा जीटी रोड पर ही अफीमकोठी की ओर और चौथा संगीत टॉकीज रोड पर खुलेगा। इनकी लंबाई 400-400 मीटर की होगी। सेतु निगम के अनुसार सबकुछ ठीक रहा तो शासन से अनुमति मिलते ही इसी साल निर्माण शुरू हो सकता है।
जीटी रोड किनारे बनी कानपुर-कासगंज रेलवे लाइन से रोज 40 से 45 ट्रेनों का आवागमन होता है। एक ट्रेन रवाना करने के लिए जरीबचौकी क्रासिंग पांच मिनट बंद करनी पड़ती है। इस प्रकार रोज अलग-अलग समय पर 3:20 घंटे से 3:45 घंटे तक यह क्रासिंग बंद रहती है। इसी वजह से आईआईटी से अनवरगंज तक एलिवेटेड ट्रैक बनाने का 1300 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया गया था।
अब गुरुग्राम की एजेंसी को डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी सौंपी
रेलवे बोर्ड से सैद्धांतिक सहमति पिछले साल ही मिल चुकी है। हालांकि जरीबचौकी क्रासिंग पर अंडरपास या ओवरब्रिज निर्माण को लेकर पेच फंसा था। पांच माह पहले शहर आए मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने निरीक्षण कर अंडरपास के प्रस्ताव को सहमति दे दी थी। अंडरपास निर्माण के लिए दिल्ली की एक एजेंसी को डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी सौंपी, पर चेतावनी के बावजूद कंपनी ने डीपीआर तैयार नहीं की। इसके चलते यह जिम्मेदारी गुरुग्राम की एक एजेंसी को दी गई है। जुलाई के पहले सप्ताह तक डीपीआर मांगी गई है।
जरीबचौकी अंडरपास का डीपीआर बना रही दिल्ली की एजेंसी लापरवाही कर रही थी। इसलिए अब यह काम गुरुग्राम की एजेंसी से कराया जा रहा है। उसने करीब 80 फीसदी कार्य कर लिया है। हफ्ते-10 दिन में डीपीआर मिल जाएगी। इसे तत्काल शासन को भेला जाएगा। सब कुछ सही समय पर हुआ तो इसी साल निर्माण शुरू हो जाएगा। -विजय कुमार सेन, प्रोजेक्ट मैनेजर, सेतु निगम