भारत और रूस की ‘यारी’ से तिलमिलाएंगें चीन-पाकिस्तान

4 यूरोपीय देशों के दौरे पर निकले नरेंद्र मोदी बुधवार को रूस पहुंचे, मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से सेंट पीट्सबर्ग में मुलाकात की. मुलाकात के बाद मोदी बोले, “भारत और रूस के रिश्ते में कभी उतार-चढ़ाव नहीं आए.” द्विपक्षीय बातचीत के पीएम मोदी और ब्लादिमीर पुलिस ने साझा घोषणा पत्र जारी किया.

भारत और रूस की 'यारी' से तिलमिलाएंगें चीन-पाकिस्तान

व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में इस दौरान गजब की केमेस्ट्री दिखी. दोनों नेता काफी समय तक साथ में घूमे और एक-दूसरे से बातें करते नजर आए. कई मौकों पर पुतिन-मोदी हंसी मजाक करते भी नजर आए.

पीएम मोदी ने बताया कि दोनों देशों ने 5 बड़े मुद्दों पर संयुक्त हस्ताक्षर किए.  इस मौके पर पीएम मोदी ने बताया कि रूस के साथ भारत का रिश्ता आदर का है और आगे भी रहेगा. साक्षा घोषणापत्र को जारी करते हुए मोदी ने कहा कि आर्थिक संबंधों में तीव्र प्रगति देना भारत और रूस का साझा उद्देश्य है.

रूस ने विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) और परमाणु हथियार अप्रसार की अन्य व्यवस्था में इसकी सदस्यता के अपने पुरजोर समर्थन की बात आज दोहराई.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच सालाना द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों ने ब्रिक्स, डब्ल्यूटीओ, जी 20 और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और रूस-भारत-चीन सहयोग जैसे बहुपक्षीय मंचों पर अपना सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया.
मोदी-पुतिन वार्ता के बाद जारी एक दृष्टि पत्र में कहा गया है, “विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी के प्रति अपने पुरजोर समर्थन को रूस दोहराता है.” रूस ने 48 सदस्यीय एनएसजी में भारत के प्रवेश की कोशिश का समर्थन करते हुए कहा कि वह इस बात से सहमत है कि बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था में भारत की भागीदारी उन्हें बेहतर बनाने में योगदान देगा.

घोषणापत्र में कहा गया है कि इस परिप्रेक्ष्य में रूस एनएसजी और वासनर व्यवस्था में सदस्यता के लिए भारत की अर्जी का स्वागत करता है तथा इन नियंत्रण व्यवस्थाओं में भारत को यथाशीघ्र शामिल करने के अपने ठोस समर्थन की बात दोहराता है.

चार बड़ी निर्यात नियंत्रण व्यवस्था- एनएसजी, एमटीसीआर, आस्ट्रेलिया ग्रुप और वासनर अरेंजमेंट,  में भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) का सदस्य है. इसने पिछले साल एनएसजी की सदस्यता के लिए अर्जी दी थी लेकिन उसे चीन के सख्त विरोध का सामना करना पड़ा. भारत ने हाल ही में अपनी निर्यात नियंत्रण सूची को वासनर व्यवस्था जैसी एक व्यवस्था से जोड़ा है.

शिखर बैठक में दोनों देशों ने चीन की ‘वन बेल्ट वन रोड’ (ओबीओआर) परियोजना का स्पष्ट जिक्र करते हुए कहा कि वे एकपक्षवाद का किसी तरह का सहारा लेने या संप्रभुता का सम्मान नहीं किए जाने तथा देशों की मुख्य चिंताओं और न्यायोचित हितों को नजरअंदाज करने का विरोध करेंगे.

इस परियोजना का भारत के विरोध करने की मुख्य वजह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) है जो ओबीओआर का हिस्सा है. दरअसल, सीपीईसी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरता है.

नरेन्द्र मोदी ने आगे कहा, “रूस और भारत दोनों सभी के लिए खुशी और फायदे में यकीन करते हैं. दोनों देशों और यहां के लोगं के बीच दोस्ती और विश्वास का खास रिश्ता है.

सामान्य तौर पर अंतरराष्ट्रीय संबंध ऊपर नीचे होते रहते हैं. हमने हर रिश्ते में उतार-चढ़ाव देखा, लेकिन भारत और रूस के रिश्तों में कभी उतार-चढ़ाव नहीं आया.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने आज आपसी हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषयों पर तथा उर्जा और व्यापार संबंधों को मजबूत करने पर व्यापक बातचीत की.

इस मौके पर पुतिन ने कहा, “रूस भारत के सभी हितों का सम्मान करता है. भारत एक सप्ताह में शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) का पूर्णरूपेण सदस्य बन जाएगा.”

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अपनी मुलाकात की शुरुआत में मोदी ने पुतिन से कहा कि वह प्रधानमंत्री के रूप में पुतिन के गृहनगर आकर खुश हैं. गौरतलब है कि पहली बार रूस में भारत-रूस शिखरवार्ता मॉस्को से बाहर सेंट पीटर्सबर्ग में हो रही है.

मोदी ने पुतिन के साथ बातचीत में सुबह द्वितीय विश्व युद्ध के शहीदों के स्मारक के अपने दौरे का जिक्र किया. उन्होंने पुतिन से कहा, “आप ऐसे नेता हैं जिसके परिवार ने बलिदान दिया. आपके भाई ने शहादत दी थी.”

गौरतलब है कि पुतिन के भाई 70 साल पहले द्वितीय विश्व युद्ध में लेनिनग्राड हमले में मारे गए थे.

 
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