अयोध्या: हल्की बारिश से ही खुलने लगी रामनगरी के विकास की पोल, टपकने लगी मंदिर की छत
अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में प्री मानसून की हल्की बारिश से ही अब विकास की पोल खुलने लगी है। पहली बारिश में ही श्रीराम मंदिर के भूतल पर पानी टपकने लगा। मंदिर के गर्भगृह से पानी की निकासी की समस्या पहले से ही है। अगर समुचित इंतजाम नहीं किया गया तो ज्यादा बारिश होने पर मंदिर में पूजा अर्चना और दर्शन बाधित हो सकता है।
जितना निर्माण हुआ है उसमें ही कमियां सामने आईः आचार्य सत्येंद्र दास
मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जल्द इसका समाधान कराए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि श्रीराम मंदिर का निर्माण अभी चल रहा है। संस्था एलएंडटी से जुड़े टॉप के इंजीनियर इसका निर्माण करा रहे हैं, लेकिन जितना निर्माण हुआ है उसमें ही कमियां सामने आई हैं। आचार्य सत्येंद्र दास ने सोमवार को बताया कि शनिवार को हुई बारिश में रामलला के मंदिर के अंदर पुजारी के स्थान पर और उसके आगे ज्यादा पानी ऊपर छत से टपक रहा था। पानी भी भर गया था। यहां से वीवीआईपी श्रद्धालु दर्शन करते हैं। पानी निकलने की जगह पहले से ही नहीं है। एक-दो दिन में सोचकर समाधान निकाल लेना चाहिए। कहा कि मंदिर परिसर में प्रकोष्ठों में अन्य मूर्तियों की स्थापना मंदिर निर्माण के बाद साल 2025 तक किए जाने की बात बताई गई लेकिन इन सब की व्यवस्था पहले से ही सोच लेनी चाहिए। जो निर्माण हो गए हैं उन पर ध्यान भी दिया जाना चाहिए।
पानी का रिसाव न हो, इसके लिए वाटर प्रूफिंग का काम सभी स्थानों पर चल रहा
श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि प्रथम मंजिल पर फर्श बनाने और वायरिंग का काम जारी है। पानी का रिसाव न हो, इसके लिए वाटर प्रूफिंग का काम सभी स्थानों पर चल रहा है। वायरिंग के कारण खंभों के पास से थोड़ा पानी आ सकता है। मैकेनिक कुछ कार्य को आधा छोड़कर चले जाते हैं। इस दौरान जब बारिश होती है तो कहीं से थोड़ा पानी आ सकता है। पानी टपकने का मामला खंभों के आसपास का ही रहा। वायरिंग के लिए लगने वाली पाइप को बंद किया जा रहा है। आगे किसी भी प्रकार से पानी आने की संभावना नहीं रहेगी।
20 स्थानों पर धंसा नवनिर्मित रामपथ
राम मंदिर के उद्घाटन से पहले ही बनकर तैयार हुआ रामपथ पहली ही बारिश में कई जगह धंस गया। रामनगरी के प्रवेश द्वार सआदतगंज से लेकर नयाघाट के बीच करोड़ों की लागत से नवनिर्मित रामपथ प्री-मानसून बरसात भी नहीं झेल सका। यह जगह-जगह पर धंस गया है और इसके किनारे जलभराव भी हो गया है। नविनर्मित रामपथ एक-दो नहीं 20 स्थानों पर धंस गया। सड़क और मिट्टी बैठने से नई डाली गई सीवर लाइन की पाइप जगह-जगह सामने आ गई। हालांकि गिट्टी की भराई करके यातायात सामान्य कर दिया गया। सहादतगंज से नया घाट तक रामपथ 12.94 किमी लंबा है। यह लगभग पौने आठ सौ करोड़ की लागत से बना है। रात की बारिश में 20 स्थानों पर यह धंस गया। सीवर चैबर वाले स्थानी पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए थे। शहर के मुख्य सड़क से गली के मार्गों में बिछाई गई सीवर लाइन की दुर्दशा भी सामने आ गई।