यूपी: गर्मी की मार… कम पैदावार ने तीन गुना तक बढ़ाए आलू के दाम
गर्मी की मार और कम पैदावार के कारण आलू के दाम पांच महीने में तीन गुना तक बढ़ गए हैं। इसी कारण प्रदेश में पहली बार थोक में आलू दो हजार रुपये प्रति क्विंटल से अधिक दाम में बिक रहा है। इसके पीछे दूसरे राज्यों में आलू की मांग बढ़ना भी एक बड़ी वजह है। हालांकि थोक कारोबारियों की मिलीभगत से कोल्ड स्टोर से निकासी की दर कम होना भी बताया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में आगरा, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, कानपुर सहित करीब 12 जिले आलू बेल्ट के रूप में जाने जाते हैं। इस इलाके के किसान आलू की दो फसल लेते हैं। दिसंबर 2023 में बाजार में नया आलू आने के बाद पुराना फेंकने की नौबत आ गई थी।
उस वक्त नया आलू 500 से 724 रुपये और प्रति क्विंटल बिका। इसके बाद दाम बढ़ने शुरू हुए तो जून में 2200 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक पहुंच गया है। यह जून 2023 में नौ सौ से एक हजार रुपये प्रति क्विंटल के आसपास था।
मंडी जानकारों का कहना है कि अभी भाव तीन हजार के आसपास जाने की उम्मीद है। ऐसे में फुटकर में आम लोगों को करीब 40 रुपये प्रति क्विंटल आलू खरीदना पड़ सकता है। क्योंकि थोक में 20 रुपये से अधिक होने पर फुटकर में यह 30 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है।
हरी सब्जियों का उत्पादन हुआ कम
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि जनवरी- फरवरी में हुई बारिश की वजह से उत्पादन कम हुआ तो दूसरी तरफ अप्रैल- मई में हीटवेब रही। इसकी वजह से गर्मी के मौसम में हरी सब्जियों का उत्पादन कम हुआ और आलू की खपत ज्यादा रही।
प्रदेश की स्थिति
प्रदेश में करीब 198 कोल्ड स्टोर हैं। उद्यान विभाग की ओर से सीजन में करीब 245 लाख मीट्रिक टन आलू उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 222 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ। इसमें 139 लाख मीट्रिक टन कोल्ड स्टोर में रखा गया, जिसमें करीब 20 फीसदी निकल चुका है। आलू के भाव में तेजी की वजह से कोल्ड स्टोर में रखने वाले व्यापारी अभी आलू निकाल नहीं रहे हैं। यूपी से करीब 102809.74 मीट्रिक टन आलू नेपाल भेजा गया, जिसकी कीमत करीब 94.44 करोड़ रुपये थी।
माहवार रुपया प्रति क्विंटल
फरवरी 770
मार्च 1244
अप्रैल 1612
मई 1743
जून 2200
ये रहा विभिन्न मंडियों में न्यूनतम भाव
विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक 23 जून को सफेद आलू की न्यूनतम दर जालौन में 2350, झांसी में 2280, आगरा में 1780, आजमगढ़ में 2200, फर्रुखाबाद में 1775, वाराणसी में 1985, मेरठ में 2050, सहारनपुर में 2200 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
आलू उत्पादक किसानों को अच्छा मूल्य मिल रहा है। कोल्ड स्टोर से निकासी की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। पैदावार में कमी और घरेलू मांग के साथ ही आसपास के राज्यों से भी मांग है। इस वजह से दाम बढ़े हैं। उम्मीद है कि इस वर्ष आलू का रकबा बढ़ेगा।-कौशल कुमार नीरज, उप निदेशक आलू
शुरुआती दौर में आलू के भाव कम रहे। जब व्यापारियों ने खरीद लिया तो भाव बढ़े। अब ये व्यापारी आलू निकासी नहीं कर रहे हैं। इस वजह से भी आलू के दाम बढ़े हुए हैं। स्टोर से आलू निकलवाने की जरूरत है। -सुधीर शुक्ला, प्रगतिशील किसान फर्रुखाबाद।
हरी सब्जी खत्म होने से होटल से लेकर घरेलू परिवार भी आलू पर ही निर्भर है। दूसरे राज्यों में भी अच्छा भाव मिल रहा है। इसलिए उत्तर प्रदेश में भी आलू का भाव बढ़ गया है।– रघुनाथ सिंह, अध्यक्ष औद्यानिक उत्पाद एवं विपणन सहकारी समिति आगरा।
आमतौर पर जून माह में मंडी में 20 से 25 ट्रक प्रतिदिन आते थे, लेकिन इन दिनों चार से पांच ट्रक ही आलू आ रहा है। आसाम, बिहार आदि राज्यों से भी लगातार मांग हो रही है। पंजाब से आलू नहीं आ रहा है। इस वजह से भी महंगाई है। -रिंकू वर्मा, आढ़ती सातनपुर मंडी समिति
पहले यूपी में पंजाब का आलू आता था। इस वर्ष नहीं आया। आगरा का आलू महाराष्ट्र जा रहा है। पश्चिम बंगाल और आसाम से भी मांग अधिक है। ऐसे में व्यापारी को जहां ज्यादा फायदा मिलता है, वहां भेज रहा है। कोल्ड स्टोर से 20 फीसदी आलू की निकासी हुई है।– मनोज कुमार, कोल्ड स्टोर संचालक कन्नौज।