बसपा का एक और बड़ा फैसला: पार्टी को मजबूत करने के लिए बनाई ये रणनीति

जनाधार वापस पाने के लिए बसपा ने बड़ा फैसला लिया है। पार्टी ने देश भर में अपना जनाधार वापस पाने के लिए नई रणनीति बनाई है। मायावती ने कहा कि संविधान बचाओ जैसे मुद्दों को उठाकर विपक्षी दलों ने गुमराह किया।

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने लोकसभा चुनाव की समीक्षा बैठक में शामिल पदाधिकारियों को देश भर में गहन सदस्यता अभियान चलाने के निर्देश दिया। बसपा ने सदस्यता शुल्क को 200 रुपये से घटाकर 50 रुपये कर दिया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को पार्टी से जोड़ा जा सके।

बैठक समाप्त होने के बाद पदाधिकारियों को सदस्यता अभियान की बुकलेट देकर वापस भेजा गया। इससे पहले मायावती ने पदाधिकारियों से कहा कि जिन राज्यों में जल्द विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, वहां लोकसभा चुनाव की गलतियों को दोहराना नहीं है। पार्टी को हर स्तर पर मजबूत बनाना है।

देश के वर्तमान राजनीतिक हालात को देखते हुए पार्टी के लोगों को सचेत व हमेशा तैयार रहना है। उन्होंने कहा कि चुनाव में किसी ना किसी मुद्दे को लेकर विशेषकर गरीब व कमजोर वर्गों के लोग गुमराह होकर अपनी एक मात्र हितैषी पार्टी बसपा को नुकसान पहुंचा कर शोषण करने वाली पार्टी को सत्ता में आसीन करा देते हैं, जो उचित नहीं है।

इस पर लोगों को विचार करना चाहिए और बार-बार गुमराह नहीं होना चाहिए। हर परिस्थिति का मुकाबला करके अपने हित में बसपा को मजबूत बनाकर अपने खुद के पैरों पर खड़े होना होगा।

मायावती ने कहा कि इस बार विरोधी पार्टियों द्वारा चुनाव में संविधान बचाओ जैसे अनेकों मुद्दों को लेकर किए गए गलत प्रचार से गुमराह होने की वजह से बसपा का जबरदस्त नुकसान हुआ है। आगे चुनाव में फिर ऐसा नुकसान न हो।

कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस पार्टी ने संविधान सभा में डॉ. भीमराव अंबेडकर को आने से रोकने के लिए तमाम हथकंडे अपनाए थे, वह अब संविधान बचाने की बात कैसे कर सकती है। कांग्रेस ने तो बाबा साहब को भारत रत्न की उपाधि देकर सम्मानित भी नहीं किया था।

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