मंत्री गिरीश महाजन बोले- मराठा कोटा अधिसूचना में जरांगे की मांग कानूनी परीक्षण में सफल नहीं होगी!
महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने बुधवार को पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस सरकार ने गड़बड़ी किए बिना मराठा समुदाय को कोटा प्रदान किया था। उन्होंने कहा कि एनसीपी (शपा) प्रमुख शरद पवार ने तो यहां तक कह दिया था कि मराठों को आरक्षण देने की कोई आवश्यकता नहीं है।
मराठा आरक्षण अधिसूचना में ‘ऋषि सोयारे’ शब्द को शामिल करने करने की मनोज जरांगे की मांग पर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री गिरीश महाजन ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जरांगे की मांग कानूनी जांच में टिक नहीं पाएगी, क्योंकि मराठी में ‘सेज सोयारे’ शब्द का अर्थ जन्म और विवाह से संबंधित है। इस दौरान महाजन ने विपक्ष पर मराठा आरक्षण मुद्दे से राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगाया।
मंत्री महाजन ने बुधवार को पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस सरकार ने गड़बड़ी किए बिना मराठा समुदाय को कोटा प्रदान किया था। उन्होंने पूछा, पिछले 50 वर्षों में, क्या किसी ने मराठा समुदाय को आरक्षण देने का प्रयास किया था? महाजन ने कहा कि एनसीपी (शपा) प्रमुख शरद पवार ने तो यहां तक कह दिया था कि मराठों को आरक्षण देने की कोई आवश्यकता नहीं है। वहीं, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण का बचाव करने में विफल रही।
भाजपा का रुख आरक्षण के समर्थन में
महाजन ने टिप्पणी की कि भाजपा का रुख बहुत स्पष्ट है। वह मराठा समुदाय के लिए आरक्षण के समर्थन में है। इन सभी प्रयासों के बावजूद, अगर मनोज जरांगे संतुष्ट नहीं हैं तो हम क्या कर सकते हैं। जारांगे “सेज सोयरे” के लिए आरक्षण की मांग कर रहे हैं, लेकिन यह अदालत में कानूनी परीक्षण पास नहीं करेगा। उन्होंने कहा, जहां तक मुझे पता है, इस तरह का आरक्षण नहीं दिया जा सकता है, लेकिन अगर कोई व्यावहारिक समाधान है, तो सरकार उस पर अमल करेगी।
जरांगे ने मांग पूरी न होने पर चुनाव लड़ने की दी चेतावनी
मनोज जरांगे ने कहा था कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो मराठों के पास अन्य सामाजिक समूहों के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। हम 288 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
ओबीसी के तहत कोटा की मांग कर रहा समुदाय
बता दें कि इस साल फरवरी में, महाराष्ट्र विधानसभा ने मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में अलग से 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाला एक विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया। हालांकि, समुदाय ओबीसी समूह के तहत कोटा की मांग कर रहा है।