जम्मू: हार्ट फेलियर मामलों में अब चौबीस घंटे मिलेगी सर्जरी की सुविधा, नई कैथलैब को मंजूरी

हृदय रोगियों के लिए खुशखबरी है। अब हार्ट फेलियर जैसे गंभीर मामलों में जीएमसी जम्मू में चौबीस घंटे सर्जरी की सुविधा शुरू करने की तैयारी की जा रही है। जीएमसी के लिए नई कैथलैब को मंजूरी के साथ उसकी खरीद के लिए जम्मू-कश्मीर मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से आर्डर कर दिया गया है। करीब 12.41 करोड़ रुपये की लागत से इस अत्याधुनिक कैथलैब के अगले कुछ महीनों में जीएमसी में शुरू होने की उम्मीद है। इससे संभाग के दस जिलों के मरीजों को चिकित्सा लाभ मिलेगा।

जम्मू संभाग के दस जिलों के कार्डियो मरीजों के लिए मौजूदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के कार्डियोलाजी विभाग की एकमात्र कैथलैब का ही सहारा है, लेकिन बताया जाता है कि उसकी भी उम्र खत्म हो चुकी है और यहां शाम अमूमन कार्यालय समय के बाद कोई सर्जरी नहीं की जाती है।

इसके बाद रात और सुबह तक खासतौर पर हार्ट फेलियर के मरीज जीएमसी पर ही निर्भर रहते हैं, लेकिन यहां भी चौबीस घंटे ऐसी कोई सर्जरी का प्रावधान नहीं है। हार्ट फेलियर जैसे मामले पहले जीएमसी में रिपोर्ट होते हैं, क्योंकि सुपर स्पेशियलिटी को शुरू हुए 11 साल बाद भी वहां आपात कार्डियो केंद्र स्थापित नहीं हो पाया है।

पहले जीएमसी में एक कैथलैब (सीसीयू) का प्रावधान था, लेकिन वर्ष 2014 में इसे बंद कर दिया गया। सुपर स्पेशियलिटी में कार्य समय में शाम तक दो यूनिटों में रोजाना 20 से 22 छोटे कार्डियो मामले की सर्जरी की जाती है, जिसमें पेस मेकर, एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, स्टंट आदि सर्जरी होती है।

जीएमसी में गंभीर कार्डियो मामलों में हालांकि सुपर स्पेशियलिटी से कार्डियो विशेषज्ञ को ऑनकॉल बुलाने का प्रावधान है, लेकिन इस सारी प्रक्रिया में लंबा समय लग जाने से मरीज को तत्काल उचित चिकित्सा नहीं मिल पाती है। जीएमसी में रोजाना 8 से 10 हार्ट अटैक के मामले पहुंचते हैं।

चार नए मेडिकल कॉलेजों में भी कोई पहल नहीं
जम्मू संभाग के चार नए मेडिकल काॅलेज जीएमसी राजोरी, जीएमसी कठुआ, जीएमसी डोडा और जीएमसी उधमपुर संकाय और दूसरे चिकित्सा स्टाफ की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं। इसके चलते यहां कैथलैब स्थापित करना दूर की सोच रही है। सभी मेडिकल कॉलेजों में कोई कैथलैब न होने के कारण सभी हृदय संबंधी सर्जरी के मामले जीएमसी जम्मू में भेजे जा रहे हैं।

हर साल बढ़ रहे कार्डियो वैस्कुलर के मामले
जम्मू-कश्मीर में हर साल कार्डियो वैस्कुलर के मामले बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के जम्मू संभाग के आपात केंद्रों पर वर्ष 2022 में 2681, वर्ष 2023 में 2832 और वर्ष 2024 के मई तक 1022 कार्डियो वैस्कुलर के मामले रिपोर्ट हो चुके हैं। इनमें वर्ष 2022 में कठुआ में सबसे अधिक 708, राजोरी में 381, जम्मू में 356, उधमपुर में 342 और सांबा में 245 मामले मिले थे। इसी तरह अगले साल 2023 में उधमपुर में 620, पुंछ में 387, कठुआ में 323, सांबा में 302 और जम्मू में 295 मामले मिले थे। इसके अलावा जीएमसी जम्मू में दैनिक आधार पर दर्जनों हृदय संबंधी बीमारियों के मामले रिपोर्ट हो रहे हैं।

नई कैथलैब को जीएमसी में लगाने की योजना है, ताकि यहां चौबीस घंटे लैब को चलाकर आपात और गंभीर मामलों में मरीजों की सर्जरी की जा सके। नई कैथलैब से हृदय चिकित्सा देखभाल मजबूत होगी। जीएमसी में नई कैथलैब को लगाने के लिए साइट की शिनाख्त की जा रही है। -डॉ. आशुतोष गुप्ता, प्रिंसिपल, जीएमसी जम्मू।

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