मराठा आरक्षण की मांग को लेकर फिर अनशन पर बैठे मनोज जरांगे
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर फिर से हलचल तेज हो गई है। मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे एक बार फिर अनशन पर बैठ गए हैं। शनिवार से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कुनबियों को मराठा के रूप में पहचानने के लिए एक कानून बनाने की भी मांग की। साथ ही उन्होंने उनकी मांगे मंजूर नहीं होने पर आगामी राज्य चुनावों में महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने की चेतावनी दी।
शुरू हुआ आंदोलन
बता दें कि जारांगे ने सुबह करीब साढ़े दस बजे महाराष्ट्र के जालना जिले की अंबाद तहसील में अपने पैतृक गांव अंतरवाली सरती में आंदोलन का नया दौर शुरू किया, जबकि जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया है। जरांगे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से मराठा आरक्षण मुद्दे का समाधान करने का आग्रह किया।
वह मराठों के लिए अन्य पिछड़ा समुदाय (ओबीसी) टैग और राज्य सरकार द्वारा पहले जारी मसौदा अधिसूचना को लागू करने की मांग कर रहे हैं। कुनबी, एक कृषि प्रधान समूह, ओबीसी श्रेणी के अंतर्गत आता है और जरांगे मांग कर रहे हैं कि सभी मराठों को कुनबी प्रमाणपत्र जारी किए जाएं। जिससे वे कोटा लाभ के लिए पात्र बन सकें।
इससे पहले जरांगे ने 10 से 26 फरवरी के बीच कोटा मुद्दे पर आंदोलन किया था। 20 फरवरी को, महाराष्ट्र विधानमंडल ने सर्वसम्मति से एक अलग श्रेणी के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला विधेयक पारित किया था।
57 लाख दस्तावेज मिले
कार्यकर्ता ने इसके बाद दावा किया है कि 57 लाख दस्तावेज प्राप्त हुए हैं, जो साबित करते हैं कि मराठा और कुनबी एक ही हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि एक बार मराठा आरक्षण का लक्ष्य हासिल हो जाए तो वह धनगर और मुस्लिम समुदाय को भी आरक्षण दिलाने के लिए लड़ाई शुरू करेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या मराठा आरक्षण मुद्दे ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में उम्मीदवारों को प्रभावित किया है, उन्होंने कहा कि उनके समुदाय ने इन चुनावों में अपनी ताकत दिखाई है।