हरियाणा: जननायक जनता पार्टी में बगावत के आसार तेज!

लोकसभा चुनाव के बाद आंकड़ों के फेर में फंसी हरियाणा की नायब सरकार को स्थिर रखने की कोशिशें अब तेज हो गई है। इसके लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल ने मिलकर मोर्चाबंदी शुरू कर दी है। इसे लेकर बीजेपी को जेजेपी के विधायकों की ओर से सबसे बड़ा साथ मिल रहा है। एक ओर जहां रामकुमार गौतम पहले ही अपनी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलकर मुखर हो चुके हैं। वहीं अब दो और विधायक खुलकर बीजेपी के समर्थन में आ गए हैं। हालांकि जेजेपी की ओर से दुष्यंत चौटाला ने इन विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को पत्र भी लिखा हुआ है, लेकिन उस पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। ऐसे में चर्चा ये है कि सदस्यता रद्द होने से पहले नरवाना से जेजेपी विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और बरवाला से जोगीराम सिहाग खुद ही विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे सकते हैं। 

सीएम से की थी मुलाकात

जेजेपी विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहाग ने दो दिन पहले ही चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ मुलाकात भी की थी। इतना  ही नहीं दोनों विधायक मुख्यमंत्री की ओर से बीजेपी विधायकों के लिए रखे गए डिनर में भी शामिल हुए थे। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि जेजेपी के ये दोनों विधायक इस्तीफा देकर आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। 

बीजेपी के मंच किए थे साझा

बता दें कि जेजेपी विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहाग ने लोकसभा चुनाव के दौरान ना केवल बीजेपी उम्मीदवारों को समर्थन देने का ऐलान किया था, बल्कि बीजेपी नेताओं के साथ सार्वजनिक तौर पर मंच भी साझा किए थे। जेजेपी की ओर से दोनों विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को पत्र भी लिखा हुआ है। 

बबली भी कर चुके हैं इशारा

रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहाग के अलावा पूर्व पंचायत मंत्री और जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली भी अपनी पार्टी को आइना दिखा चुके हैं। बबली खुलकर दुष्यंत चौटाला और उनके पिता अजय चौटाला को कई बार सार्वजनिक तौर पर मर्यादा में रहकर बोलने और बयान देने की बात भी कह चुके हैं। हालांकि बबली ने अभी तक ये साफ नहीं किया कि जेजेपी से अलग होने के बाद वह किस पार्टी में जाएंगे या किसे समर्थन देंगे, लेकिन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ होने वाली उनकी मीटिंग के साथ बीजेपी को लेकर उनका सॉफ्ट कॉर्नर ये इशारा करता है कि कहीं ना कहीं आने वाले समय में वह भी बीजेपी की ओर जा सकते हैं ! बता दें कि 12 मार्च को मनोहर लाल की ओर से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने और बीजेपी-जजपा गठबंधन टूटने के बाद बबली इस्तीफा देने को तैयार थे, लेकिन बीजेपी उस समय इसके लिए तैयार नहीं थी। 

ऐसे बनेगा विधानसभा का जादुई नंबर

मुख्यमंत्री नायब सैनी की ओर से करनाल विधानसभा का उपचुनाव जीतने के बाद विधानसभा में बीजेपी विधायकों की सदस्यता 41 हो गई है। रानिया से विधायक रणजीत चौटाला पहले ही विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं। इसके अलावा निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का निधन हो चुका है। ऐसे में 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में अब 88 विधायक है। मुलाना से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी लोकसभा सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। उन्हें अब 14 दिन के भीतर विधानसभा से इस्तीफा देना होगा। ऐसे में विधानसभा में विधायकों की संख्या 87 रह जाएगी। ऐसे में विधानसभा में बहुमत के लिए 44 विधायकों का समर्थन चाहिए। मौजूदा हालात में बीजेपी के पास खुद के 41 विधायकों के अलावा पृथला से निर्दलीय विधायक नयनपाल राव और सिरसा से विधायक गोपाल कांडा का भी समर्थन है। ऐसे में बीजेपी के पास 43 विधायक होते हैं, जोकि बहुमत के आंकड़े से एक कम है। इन हालत में यदि जेजेपी के 2 विधायक इस्तीफा देते हैं तो विधानसभा में विधायकों का आंकड़ा 85 हो जाएगा। इस सूरत में बहुमत के लिए 43 विधायकों की जरूरत होगी, जोकि बीजेपी के पास पहले से ही मौजूद है। 

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