कानपुर-बुंदेलखंड से मोदी की नई सरकार में अब नया मंत्री कौन, बड़ा सवाल- किसे मिलेगा मौका

लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई सरकार में इस बार कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र से नया मंत्री कौन होगा, इसे लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है। 2014 में बनी पहली मोदी सरकार से लेकर अबतक कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र क्षेत्र का केंद्र में लगातार प्रतिनिधित्व रहा है। कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के अलावा उन्नाव और मिस्रिख सीट भी जोड़ लें, तो कुल 12 लोकसभा सीटों में से इस बार छह सीटों पर भाजपा को मिली हार के बाद केंद्र की सरकार में किसे स्थान मिलेगा, यह बड़ा सवाल है।

2014 के लोकसभा चुनाव में फतेहपुर से सांसद बनीं निरंजन ज्योति इस क्षेत्र से अकेली केंद्रीय मंत्री बनाई गई थीं, जबकि 2019 की केंद्र सरकार में निरंजन ज्योति के अलावा जालौन सीट से सांसद बने भानु प्रताप वर्मा एमएसएमई राज्यमंत्री बनाए गए थे। इस बार दोनों ही मंत्री चुनाव हार गए। ऐसे में कहा जा रहा है कि क्योंकि भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है, इसलिए पहले एनडीए से जुड़े घटक दलों के लोगों को केंद्र सरकार में हिस्सा बनाया जाएगा। इसके बाद कानपुर-बुंदेलखंड का नंबर आ सकता है। यह भी चर्चा है कि अभी तक बुंदेलखंड और इसके आसपास के सांसदों को मौका मिला था इसलिए इस बार कानपुर का नंबर लग सकता है।

बड़ा सवाल, किसे मिलेगा मौका
केंद्रीय मंत्रिमंडल में कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र से किसे मौका मिल सकता है, यह काफी दिलचस्प होगा। चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युवाओं को बड़ी जिम्मेदारी देने के पक्षधर रहते हैं। ऐसे में इस क्षेत्र के किसी युवा चेहरे को मौका दिया जा सकता है। दूसरी चर्चा यह भी है कि यूपी में सपा को मिली इस बड़ी जीत के बीच जिन सांसदों ने दूसरी और तीसरी बार जीत की हैट्रिक लगाई है, उन्हें भी मौका दिया जा सकता है। हालांकि इसमें जीत के अंतर और जमीनी पकड़ को भी ध्यान में रखा जा सकता है।

रमेश अवस्थी, मुकेश राजपूत के नाम आगे
चुनाव जीतकर आए क्षेत्र के युवा सांसदों की बात की जाए तो पहली बार सांसद बने कानपुर के रमेश अवस्थी सबसे युवा सांसद हैं। वहीं, फर्रुखाबाद सीट से तीसरी बार सांसद बने मुकेश राजपूत के पास पिछड़े वर्ग तो मिस्रिख से दूसरी बार सांसद बने अशोक रावत दलित वर्ग से आते हैं। पिछली दो सरकारों में पीएम मोदी ने एक मंत्री अनुसूचित जाति से और दूसरा पिछड़ी जाति से बनाया।

देवेंद्र सिंह भोले को भी मिल सकता है मौका
इस बार क्योंकि दलितों और पिछड़ों का वोट बैंक भाजपा के खाते में कम आया है। इस वजह से माना जा रहा है कि मोदी की नई टीम में सवर्णों को भी स्थान मिल सकता है। ऐसे में कानपुर से सांसद रमेश अवस्थी के अलावा झांसी से दूसरी बार सांसद बने अनुराग शर्मा में किसी की लॉटरी लग सकती है। वहीं, उम्र बाधा न बनी तो अकबरपुर से तीसरी बार चुनकर संसद पहुंचे देवेंद्र सिंह भोले को भी मंत्री बनने का मौका मिल सकता है।

कानपुर व आसपास के हैट्रिक सांसद
साक्षी महाराज, उन्नाव लोकसभा क्षेत्र।
देवेंद्र सिंह भोले, अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र।
मुकेश राजपूत फर्रुखाबाद लोकसभा क्षेत्र।

दिल्ली रवाना हुए सांसद
चुनाव परिणाम आने के बाद दिल्ली में शुरू हुई सरकार बनाने की कवायद के बीच भाजपा के सांसदों को दिल्ली बुलाया गया है। कानपुर सहित क्षेत्र के सभी चुने गए सांसद बुधवार की देर शाम दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

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