जेल-दोष मिटाने के लिए करते हैं ऐसा काम, सुनकर दंग रह जाएंगे आप!

जेल जाने का नाम सुनकर अच्छे-अच्छे गुंडे बदमाश घबरा जाते हैं और उनकी हेकड़ी निकल जाती है. क्या आपने कभी सुना है कि किसी व्यक्ति को बिना किसी अपराध के ही जेल जाने की जमकर ललक हो, वो अपनी मर्जी से जेल जाना चाहता हो, तो उसके पीछे क्या वजह हो सकती है. ऐसा ही कुछ नजारा जबलपुर की सेंट्रल जेल में देखने को मिलता है, जहां जाने के लिए लोग उतावले नजर आते हैं.
जेल योग कट जाए इसके लिए लोग क्या कुछ नहीं करते. जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस सेंट्रल जेल में लोग जेल योग कटाने के लिए आते हैं. जेल के अंदर आने के लिए परिवार तरह-तरह के जुगाड़ लगाते हैं. ज्योतिष ऐसे परिवारों को जेल जाने की सलाह देते हैं. यह तरीका/टोटका जेल दोष को दूर करने के लिए अपनाया जाता है. जिसमें कभी जेल में बंदियों के साथ परिजन बनकर मुलाकात, तो कभी लोग समाजसेवी बनकर जेल के अंदर पहुंच जाते हैं. इतना ही नहीं जबलपुर की नेताजी सुभाष चंद्र बोस सेंट्रल जेल में जेल दोष से मुक्ति दिलाने के लिए मदद भी की जाती है.
लोकल 18 से चर्चा करते हुए सेंट्रल जेल के जेलर मदन कमलेश ने बताया कि हर महीने 10 से 15 लोग ज्योतिष आचार्य के कहने पर जेल के अंदर आते हैं और खुद ही यहां रोटी खाने की इच्छा जाहिर करते हैं. पानी या चाय पीने के लिए कहते हैं. वजह पूछने पर ज्योतिष आचार्य का हवाला बताते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि ज्योति आचार्य कितने सही हैं, इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं है.
कैदियों की बची रोटी खाते हैं लोग
उन्होंने बताया कि सेंट्रल जेल में दो से 3 हजार लोगों का खाना बचता है. जिस तरह घर में कोई मेहमान आ जाता है. तो एडजस्ट हो जाता है. उसी प्रकार सेंट्रल जेल में भी होता है. रोज 4 से 5 लोगों का खाना बचता है. ज्योतिष आचार्य के कहने पर यदि कोई जेल के अंदर रोटी या चाय मांगता है, तब उन्हें मना नहीं किया जाता और रोटी दे दी जाती है.
तरह-तरह के बहाने बनाकर आते हैं सेंट्रल जेल
लोग अपराधियों के परिजन बनकर, कभी समाजसेवी बनकर, कभी आयोजन की जानकारी लेने के बहाने आते हैं और जेल के अंदर एंट्री पाने की कोशिश करते हैं. ज्योतिष आचार्य डॉक्टर सत्येंद्र स्वरूप बताते हैं कि जन्म कुंडली में अष्टम भाव का नीचस्थ राहु अपनी महादशा एवं अंतर्दशा के दौरान जातक के जीवन में प्रवेश करता है. तो उसके सामने अनेक संकट खड़ा करता है. इस जेल योग कहा जाता है. हालांकि उन्होंने कहा ति यह शास्त्रों में वर्णित नहीं है. यह भ्रांति है.