विदेश मंत्री के बयान पर कर्नाटक के गृह मंत्री ने दी प्रतिक्रिया
![](https://ujjawalprabhat.com/wp-content/uploads/2024/05/होइऊ-780x470.webp)
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुलासा किया कि विदेश मंत्रालय (एमईए) को 21 मई को जनता दल-सेक्युलर सांसद प्रज्वल रेवन्ना का पासपोर्ट जब्त करने का अनुरोध मिला था।
इसपर कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनके बयान से पता चलता है कि पीएमओ ने संबंधित मंत्रालय को सूचित नहीं किया था। कर्नाटक के मंत्री ने कहा,
इससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने विदेश मंत्रालय कार्यालय को सूचित नहीं किया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक पत्र लिखा था। हमारे सीएम द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र का क्या हुआ?
SIT कर रही है यौन उत्पीड़न मामले की जांच
प्रज्वल रेवन्ना को उनके घर में काम करने वाली एक महिला की शिकायत के बाद यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी के आरोपों पर कर्नाटक सरकार द्वारा गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा जांच का सामना करना पड़ रहा है।
विदेश मंत्री ने साक्षात्कार में दिया था बयान
परमेश्वर का बयान तब आया है जब विदेश मंत्री जयशंकर ने एएनआई के साथ एक विशेष साक्षात्कार में प्रक्रियात्मक पहलुओं को स्पष्ट करते हुए कहा था कि पासपोर्ट को पासपोर्ट अधिनियम के तहत जब्त किया जाता है। हमें ऐसा करने के लिए न्यायिक अदालत या पुलिस के अनुरोध की आवश्यकता है। विदेश मंत्रालय को कर्नाटक से यह अनुरोध 21 मई को ही मिला था।
कानूनी प्रक्रियाओं के पालन पर प्रकाश डालते हुए जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने अनुरोध प्राप्त होने पर तुरंत कार्रवाई की।
सिद्धारमैया ने पत्र में क्या लिखा ?
सिद्धारमैया ने 1 मई और 23 मई को पीएम मोदी को पत्र लिखकर प्रज्वल रेवन्ना के राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करने के लिए कार्रवाई करने का आग्रह किया था। प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में कर्नाटक के सीएम ने कहा कि यह शर्मनाक है कि प्रज्वल रेवन्ना 27 अप्रैल, 2024 को अपने जघन्य कृत्यों की खबर सामने आने के तुरंत बाद और पहली घटना से कुछ घंटे पहले अपने राजनयिक पासपोर्ट का उपयोग करके देश छोड़कर जर्मनी चले गए। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
यह रहस्योद्घाटन लोकसभा चुनाव से पहले प्रज्वल रेवन्ना को लेकर चल रहे राजनीतिक तूफान के बीच हुआ है। रेवन्ना से जुड़े स्पष्ट वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद कर्नाटक सरकार ने रेवन्ना के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए 27 अप्रैल को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
आरोपों के बावजूद प्रज्वल रेवन्ना ने आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि प्रसारित वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है। एसआईटी का गठन राज्य महिला आयोग की सिफारिशों के बाद हुआ, जो दर्शाता है कि अधिकारियों द्वारा इस मामले को कितनी गंभीरता से लिया जा रहा है।