बुद्ध पूर्णिमा की रात हटा के मां चंडी जी मंदिर के शिखर पर दिखा अदभुत नजारा

दमोह जिले के हटा में मां चंडी जी मंदिर के शिखर पर गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा की रात एक अद्भुत नजारा देखने मिला, जब प शिखर पर रखा कलश चांद की रोशनी में जगमगा उठा। इस नजारे को कई लोगों ने देखा और अपने मोबाइल में कैद किया।
दरअसल बुद्ध पूर्णिमा की रात 12 बजे जब चंद्रमा की सीधी रोशनी मां चंडी जी के मंदिर के शिखर पर रखे कलश पर पड़ी तो कलश रोशनी से जगमगा उठा और ऐसा लग रहा था मानो नीचे से कोई लाइट मार रहा हो। इस अद्भुत नजारे को देखने कई लोग मंदिर पहुंचे। मंदिर के शिखर पर स्थापित कलश का यह प्रकाश पुंज किसी बिजली स्रोत का नहीं बल्कि पूर्णिमा के चांद का प्रकाश पुंज था जो कलश पर स्थापित दिखाई दे रहा था। मंदिर के पुजारी नीरज गोश्वामी भी उस समय मंदिर परिसर में थे उन्होंने भी इस नजारे को देखकर इसकी फोटो ली। उन्होंने कहा की यह प्रकाश पुंज मां चंडी जी का आशीर्वाद स्वरूप उनके सभी भक्तों के जीवन को प्रकाशित करेगा।
478 साल पुराना है मंदिर
बुंदेलखंड की उपकाशी हटा नगर में मां चंडी जी का मंदिर सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। यह मंदिर करीब 478 साल पुराना है। यहां पर मां चंडी जी की प्रतिमा आदिशक्ति मां दुर्गा चंडी रूप में विराजमान हैं। बताते हैं कि यह प्रतिमा गुजरात से लाई गई थी। यहां पर हीरा तरासने का कारोबार करने के लिए गुजरात के नारायण शंकर पंड्या परिवार के साथ आए थे। वे अपने साथ अपनी कुल देवी मां चंडी जी की प्रतिमा लेकर आए थे और उन्हें एक छोटे से मंदिर में विराजमान किया था। मंदिर की पूजा पद्धति अभी भी गुजराती परंपरा के हिसाब से चलती है।