सुप्रीम कोर्ट पहुंचा नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्टिंग का मामला

उत्तराखंड उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने उच्च न्यायालय के नैनीताल से बाहर प्रस्तावित स्थानांतरण के विरूद्ध उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की है। उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन इस अदालत को नैनीताल से बाहर स्थानांतरित करने के कदम का विरोध कर रहा है। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने आठ मई को राज्य सरकार से उच्च न्यायालय को स्थानांतरित किए जाने के लिए सबसे उपयुक्त जगह चिन्हित करने को कहा था।

बार एसोसिएशन में इस निर्णय के खिलाफ विरोध फूट पड़ा और तुरंत ही उसने उच्च न्यायालय को नैनीताल के बाहर स्थानांतरित किए जाने के विरूद्ध एक बैठक बुलाई। बार को इस बात का भरोसा दिलाया गया था कि इस आदेश पर दस्तखत नहीं किए गए हैं लेकिन बाद में उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से अदालत को कहीं और स्थानांतरित किए जाने के लिए उपयुक्त जगह ढूंढने को कहा। उच्च न्यायालय ने एक पोर्टल भी बनाया है जिससे इस मुद्दे पर लोग ऑनलाइन अपनी राय दे सकें। इस राय से लोगों का मत स्पष्ट हो जाएगा कि उच्च न्यायालय को नैनीताल से बाहर स्थानांतरित किया जाना चाहिए या नहीं।

हालांकि, देहरादून बार एसोसिएशन उच्च न्यायालय को स्थानांतरित किए जाने के पक्ष में है और उसने विशेष अनुमति याचिका में उसे भी पक्ष बनाए जाने के लिए उच्चतम न्यायालय से प्रार्थना करने का निर्णय लिया है। देहरादून बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने कहा कि सभी वकील इस मत पर सहमत हैं कि प्रदेश के लोगों के व्यापक हित में और याचिकाकर्ताओं की सुविधा को देखते हुए उच्च न्यायालय को नैनीताल से बाहर स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए। उच्च न्यायालय ने कहा है कि नए स्थान में इतनी जगह होनी चाहिए कि अदालत कक्षों, सम्मेलन कक्ष, कम से कम 7000 वकीलों के लिए चैंबर, कैंटीन तथा पार्किंग स्थल के अलावा न्यायाधीशों, न्यायिक अधिकारियों, उनके स्टॉफ के रहने के लिए भवनों की व्यवस्था हो सके। 

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