हिसार लोकसभा: पहली बार दो क्षेत्रीय पार्टियों ने मैदान में उतारी महिला प्रत्याशी

हरियाणा में 25 मई को लोकसभा चुनाव होने हैं। हिसार लोकसभा क्षेत्र के इतिहास में 14 चुनावों के इतिहास में आज तक किसी भी राष्ट्रीय पार्टी ने महिला को अपना उम्मीदवार नहीं बनाया है। इस बार दो क्षेत्रीय पार्टियों ने महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतार रखा है। अब तक इस लोकसभा क्षेत्र से तीन महिलाओं ने ही चुनाव लड़ा है। तीनों ही महिलाओं ने निर्दलीय ताल ठोकी थी, लेकिन वह अपनी जमानत भी नहीं बचा पाई थीं। इस बार देखना होगा कि दोनों महिलाएं इस सीट पर अपना कितना असर दिखा पाएंगी।

हिसार लोकसभा क्षेत्र नौ विधानसभा क्षेत्रों में बंटा हुआ है। इनमें जींद जिले का एक उचाना कलां, भिवानी जिले की एक विधानसभा बवानी खेड़ा और सात विधानसभा क्षेत्र हिसार जिले के आदमपुर, उकलाना, नारनौंद, हांसी, बरवाला, हिसार और नलवा आते हैं। हिसार लोकसभा क्षेत्र में लगभग 18 लाख मतदाता हैं। इनमें से महिलाओं की संख्या 46 प्रतिशत है। महिलाओं की इतनी अधिक आबादी के बावजूद आज तक इस लोकसभा सीट से तीन ही महिलाओं ने अपनी किस्मत आजमाई है और वह भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में। इस बार दो और महिलाएं क्षेत्रीय पार्टियों की तरफ से चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रही हैं। आज तक किसी भी राष्ट्रीय पार्टी ने हिसार लोकसभा क्षेत्र से महिला को टिकट नहीं दिया है। 57 साल के इतिहास में पहली बार है कि इस लोकसभा क्षेत्र से दो महिलाएं किसी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।

1984 के लोकसभा चुनाव में हिसार लोकसभा क्षेत्र से दो महिलाओं ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। इनमें सुमित्रा देवी व हरबंस कौर शामिल थीं। दोनों ही महिलाओं ने आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनावी महासमर का सफर किया। इन महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले चुनावी ताल तो ठोक दी, लेकिन दोनों की ही जमानत जब्त हो गई थी। इसके बाद 1996 में विद्या देवी ने भी हिसार लोकसभा से चुनाव लड़ा। विद्या देवी ने भी निर्दलीय के रूप में अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन वह भी चुनाव हार गई थीं। (संवाद)

इस बार एक ही परिवार की दो महिलाएं मैदान में
18वीं लोकसभा के चुनाव में इस बार चौटाला परिवार की दो महिलाएं हिसार लोकसभा क्षेत्र से मैदान में हैं। इनमें जजपा की तरफ से पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की माता नैना चौटाला और इनेलो की तरफ से सुनैना चौटाला मैदान में हैं। सुनैना चौटाला भी पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की चाची हैं। नैना चौटाला व सुनैना चौटाला आपस में देवरानी व जेठानी हैं। वहीं उनके चाचा ससुर रणजीत सिंह चौटाला भी भाजपा की तरफ से चुनाव मैदान में हैं। इस बार देखना होगा कि दोनों महिलाएं इस दंगल में बाजी मारती हैं या फिर पहले चुनाव लड़ चुकी महिलाओं जैसा ही उनका हाल होता है।

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