दिल्ली: इस मामले पर सुनवाई नहीं करेगी शीर्ष अदालत

शीर्ष कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका को राजनीति प्रेरित करार देते हुए खारिज कर दिया। साथ ही, कहा कि अदालत को राजनीति का अखाड़ा न बनाया जाए। याचिका में कहा गया था कि अपने निहित स्वार्थ के लिए केजरीवाल अपने भाषणों के दौरान पृष्ठभूमि में बीआर आंबेडकर, भगत सिंह जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के नाम और राष्ट्रीय प्रतीकों का दुरुपयोग कर रहे हैं।

याचिकाकर्ता का कहना था कि इस दुरुपयोग को रोकने के लिए केंद्र को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाए। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने मंगलवार को इस याचिका पर विचार करने से इन्कार दिया और सवाल उठाया कि कोर्ट को राजनीतिक अखाड़ा क्यों बनाया जा रहा है।

शीर्ष कोर्ट की अनिच्छा को देखते हुए याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका वापस ले ली।

यह कहा गया था याचिका में : विनय पाठक नामक एक ने अपनी याचिका में कहा था कि भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार किसी व्यक्ति को व्यक्तिगत लाभ के लिए राष्ट्रीय प्रतीकों और स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के नाम दुरुपयोग करने की अनुमति देने वाला नहीं होना चाहिए। यह बहुत परेशान करने वाला है कि एक समकालीन राजनेता अपनी छवि की तुलना ऐसे दो व्यक्तियों से कर रहे हैं जो संदेह से परे राष्ट्रीय नायक और प्रतीक हैं।

सिसोदिया ने जमानत के लिए केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत का दिया हवाला
मनीष सिसोदिया ने उच्च न्यायालय के समक्ष कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी नीति मामले में बेनॉय बाबू, संजय सिंह और अरविंद केजरीवाल को राहत प्रदान की है। इसके अलावा उनके भागने का कोई खतरा नहीं है। ऐसे में वह जमानत के हकदार है। वहीं, ईडी ने उनकी जमानत पर कड़ी आपत्ति जताई। अदालत ने जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष सिसोदिया के वकील ने कहा, उनके मुवक्किल की जमानत अर्जी खारिज होने के बाद तीन को राहत प्रदान की गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने तर्क दिया वे इस तथ्य से बच नहीं सकते कि उन्होंने आरोपपत्र दाखिल करने से पहले सिसोदिया को गिरफ्तार नहीं किया, वे करीब 15 महीने से हिरासत में है। सिसोदिया 26 फरवरी, 2023 से हिरासत में हैं। दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले के संबंध में उनकी जांच सीबीआई और ईडी दोनों द्वारा की जा रही है।

मुकदमे में बिल्कुल भी प्रगति नहीं
सिसौदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने ने तर्क रखा कि आप नेता के खिलाफ मुकदमा जल्द शुरू होने की संभावना नहीं है। दोनों मामलों की जांच अभी भी जारी है। इसमें अभी भी गिरफ्तारियां जारी हैं। इस मुकदमे में बिल्कुल भी प्रगति नहीं हुई है। ईडी की और से पेश विशेष वकील जोहेब हुसैन ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने गुण-दोष के आधार पर सिसौदिया की जमानत याचिका पर विचार करने के लिए ट्रायल कोर्ट की शक्तियों को सीमित नहीं किया है।

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