अब मिले सकेंगे एलियंस के होने के सबूत, उल्कापिंड में वैज्ञानिकों को मिले सुराग

एलियंस की खोज सदियों से जारी है. वैज्ञानिक कभी किसी भी अनोखी चीज की पड़ताल से नहीं चूकते हैं जिसमें जरा भी संदेह होता है कि वह एलियन के होने के सबूत हो सकता है. इनमें स्पेस से पृथ्वी पर गिरे उल्कापिंड भी शामिल हैं. अब उन्होंने एक उल्कापिंड में पांच खास डीएनए निष्कर्ष निकाले हैं, जो एलियंस के अस्तित्व की ओर इशारा कर सकते हैं.

इस बात की पुष्टि करना कि हमारे ग्रह से परे जीवन है या नहीं, यह जानने के लिए अब वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष चट्टान के कुछ टुकड़ों का अध्ययन किया है. बाहरी अंतरिक्ष के मलबे के ये टुकड़े पिछली सदी में पृथ्वी पर गिरे थे और इनमें “न्यूक्लियोबेस” हैं, जो आकाशगंगा के पार जीवन का संकेत दे सकते हैं.

वैज्ञानिक अब चट्टानों में पाए जाने वाले पांच प्रमुख घटकों का विश्लेषण कर रहे हैं, जिनमें चट्टानों पर पाए जाने वाले एडेनिन, गुआनिन, साइटोसिन, थाइमिन और यूरैसिल के कोड शामिल हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि सामग्री बाहरी अंतरिक्ष से आई थी या पृथ्वी से टकराने के बाद अंतरिक्ष चट्टान से जुड़ी हुई थी, यह अभी तक पता नहीं है, लेकिन यह खोज वर्तमान में एलियन जीवन के होने के संकेत देती लग रही है.

नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के डैनियल ग्लैविन ने बताया कि टीम ने डीएनए और आरएनए और पृथ्वी पर जीवन में पाए जाने वाले सभी आधारों का सेट पूरा कर लिया है, और वे उल्कापिंडों में मौजूद हैं. यह जापान में होक्काइडो विश्वविद्यालय द्वारा किए गए शोध पर आधारित है.भू-रसायनज्ञ यासुहिरो ओबा और उनके सहकर्मी तरल उल्कापिंड धूल के विभिन्न रासायनिक पदार्थों  को निकालने की एक तकनीक लेकर आए थे.

ओबा ने कहा कि उनकी पहचान पद्धति में पिछले अध्ययनों की तुलना में अधिक संवेदनशीलता है. साइटोसिन और यूरैसिल जैसे विस्तृत यौगिक मिट्टी में रहते हैं और बोइस स्टेट यूनिवर्सिटी, इडाहो के कॉस्मोकेमिस्ट माइकल कैलाहन को लगता है कि शोधकर्ताओं ने इन यौगिकों की सकारात्मक रूप से पहचान की है. वैज्ञानिक इस दुनिया से बाहर की सामग्रियों को साबित करने के लिए आशावादी हैं, और ग्लेविन का कहना है कि मिट्टी का प्रदूषण, उनके शोध का एक अहम हिस्सा है.

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