किसान आंदोलन के कारण 21 हजार टिकट रद्द, लौटाए 93 लाख रुपये

किसान आंदोलन के कारण एक तरफ यात्रियों को शारीरिक और मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ रही है, वहीं 3500 के करीब ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो चुका है। प्राप्त जानकारी अनुसार रेलवे ने 17 अप्रैल से 12 मई तक 21 हजार टिकट रद्द किए हैं और रिफंड के तौर पर यात्रियों को 93 लाख रुपये लौटाए गए हैं।

दूसरी तरफ किसान आंदोलन के कारण अंबाला कैंट स्टेशन पर लगातार यात्रियों की भीड़ बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादा भीड़ प्लेटफार्म 1, 2, 3 और 4 पर है क्योंकि दिल्ली, अमृतसर और जम्मू की तरफ से आने वाली अधिकतर ट्रेनों का संचालन इन्हीं प्लेटफार्माें से हो रहा है।

ऐसे में यात्रियों की परेशानी को देखते हुए स्टेशन पर व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के लिए रेलवे ने टीम की तैनाती कर दी है जोकि जनता खाने और पीने के पानी की उपलब्धता की जांच करेगी ताकि यात्रियों को दोनों सुविधाएं मिलती रहें। इसके लिए स्टाल संचालकों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वो उचित मात्रा में जनता खाना और रेल नीर की आपूर्ति सुनिश्चित रखें। वहीं इंजीनियरिंग विभाग को भी निर्देश जारी किए गए हैं कि स्टेशन पर लगे वाटर कूलर और बूथ की व्यवस्था को दुरुस्त रखें।

डीआरएम ने पकड़ी थी खामी
अंबाला रेल मंडल के प्रबंधक मंदीप सिंह भाटिया ने कुछ दिन पहले स्टेशन का निरीक्षण किया था। जब उन्होंने जनता खाने के डिब्बे को चेक किया तो उन्हें उसका वजन कुछ कम लगा। जो आचार पूरी और आलू की सब्जी के साथ दिया जा रहा था, वो भी काफी कम था। मौके पर ही मौजूद वाणिज्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि वो आचार की स्टेंडर्ड पैकिंग रखें और पूरियों और आलू की सब्जी का भी समय-समय पर वजन करते रहें।

41 घंटे की देरी से चल रही ट्रेन
ट्रेन नंबर 12588 गोरखपुर सुपरफास्ट 41 घंटे और 15097 अमरनाथ एक्सप्रेस 39 घंटे की देरी से गंतव्य स्टेशन पर पहुंची। इस दौरान 22487 दिल्ली-अमृतसर वंदेभारत 6 घंटे की देरी,12473 सर्वाेदय एक्सप्रेस 13.40 घंटे, 12926 पश्चिम एक्सप्रेस 3 घंटे, 20808 हीराकुंड एक्सप्रेस, 22461 श्रीशक्ति एक्सप्रेस 6 घंटे, 11077 झेलम एक्सप्रेस 6 घंटे, 22424 अमृतसर-गोरखपुर सुपरफास्ट 3.45 घंटे, 12030 स्वर्ण शताब्दी 2.40 घंटे, 18238 छतीसगढ़ एक्सप्रेस 4 घंटे, 14610 हेमकुंट एक्सप्रेस 1 घंटा, 22440 वंदेभारत 3.30 घंटे, 22432 सुबेदारगंज एक्सप्रेस 3.30 घंटे, 12238 बेगमपुरा एक्सप्रेस 6.30 घंटे की देरी से गंतव्य स्टेशन पर पहुंची।

कुर्सियां पड़ रहीं कम, फर्श पर यात्री
ट्रेनों के लगातार रद्द और बदले मार्ग से संचालित होने के कारण यात्रियों को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है। स्टेशन पर अब बैठने की जगह भी कम पड़ने लगी है। प्लेटफार्म पर लगे बैंच भरे हुए हैं। इसलिए मजबूरन यात्रियोंं को फर्श पर बैठ व लेटकर ट्रेन का इंतजार करना पड़ रहा है।इसके अलावा उनके पास कोई चारा भी नहीं है। इस मामले में चाहकर भी रेलवे मदद नहीं कर पा रहा। हालांकि यात्री भी इस परेशानी को समझ रहे हैं जो शांत तरीके से अपनी-अपनी जगह पर डेरा डाले हुए हैं कि कब ट्रेन आए और वो अपने घर की तरफ जा सकें।

आज भी 162 का संचालन प्रभावित
17 अप्रैल से आरंभ हुआ किसान आंदोलन रविवार को 26 वें दिन में प्रवेश कर गया। शंभू रेलवे स्टेशन के नजदीक रेलवे लाइन पर बैठे किसानों की वजह से रविवार को 162 ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ। वहीं रेलवे ने सुरक्षा कारणों और चंडीगढ़-साहनेवाल रेल खंड पर ट्रेनों के दबाव को देखते हुए 78 ट्रेनों को रद्द, 67 को परिवर्तित मार्ग से और 17 ट्रेनों को बीच रास्ते रोककर पुन: चलाया गया।

किसान आंदोलन के कारण 3500 के करीब ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो चुका है। वहीं 21 हजार के करीब टिकटें रद्द की गई हैं और इसके तहत 93 लाख रुपये का रिफंड यात्रियों को दिया जा चुका है। अगर ऐसे ही हालात रहे तो दिक्कत बढ़ सकती है। इस हालात से निपटने के लिए रेलवे लगातार मंथन कर रहा है। -नवीन कुमार, वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक, अंबाला मंडल

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