प्रॉक्टोरियल टीम और छात्रों के बीच धक्का-मुक्की, वीसी से मिलने पहुंचे थे छात्र

कक्षा 11 की प्रवेश परीक्षा के इंडो-इस्लामिक पाठ्यक्रम से दीनियात के सवाल हटाने सहित अन्य मांगों को लेकर 15-20 छात्रों का समूह कुलपति कार्यालय पहुंचा। वह अपनी मांगों को कुलपति के समक्ष रखना चाहते थे, लेकिन उन्हें अंदर जाने से रोक दिया गया। इस पर छात्र उत्तेजित हो गए।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के स्कूल की कक्षा-11 की प्रवेश परीक्षा के पाठ्यक्रम से दीनियात के सवाल हटाने को लेकर छात्रों का गुस्सा कम नहीं हो रहा है। यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक भवन में कुलपति से मिलने पहुंचे छात्रों और प्रॉक्टोरियल टीम के बीच शनिवार को धक्का-मुक्का हो गई। भीषण गर्मी से एक छात्र की तबीयत बिगड़ गई। काफी हुज्जत के बाद छात्रों का दल कुलपति से मिल सका। दीनियात के सवाल हटाए जाने के मामले में कमेटी को दोबारा परीक्षण के लिए जांच सौंपी गई है, जिसकी रिपोर्ट का इंतजार है।

कक्षा 11 की प्रवेश परीक्षा के इंडो-इस्लामिक पाठ्यक्रम से दीनियात के सवाल हटाने सहित अन्य मांगों को लेकर 15-20 छात्रों का समूह कुलपति कार्यालय पहुंचा। वह अपनी मांगों को कुलपति के समक्ष रखना चाहते थे, लेकिन उन्हें अंदर जाने से रोक दिया गया। इस पर छात्र उत्तेजित हो गए। इसी बीच प्रॉक्टोरियल टीम और छात्रों के बीच धक्का-मुक्की होने लगी। भीषण गर्मी से छात्र गयासुद्दीन बेहोश हो गए। काफी देर तक हंगामा होता रहा। 

छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। छात्रों ने कहा कि उनकी बातें नहीं सुनी जा रही हैं। कुलपति से नहीं मिलवाया जा रहा है। हंगामे के बाद छात्रों को कुलपति से मिलवाया गया। इस संबंध में प्रॉक्टर प्रो. मोहम्मद वसीम अली ने बताया कि कुलपति से छात्र जबरन मिलना चाह रहे थे, जबकि उस वक्त प्रोवोस्ट की बैठक चल रही थी। उन्होंने छात्रों से कहा कि अभी वह नहीं मिल सकते, क्योंकि बैठक चल रही है। इतना बताने और समझाने के बाद भी छात्र कुलपति कक्ष में जबरन घुसने लगे, जिन्हें रोका गया। हालांकि, बाद में छात्रों की कुलपति से मुलाकात करा दी गई थी।

उन्होंने कहा कि छात्रों से मांग पत्र ले लिया गया है। प्रॉक्टर ने कहा कि कुलपति के आदेश पर इंडो-इस्लामिक के पाठ्यक्रम से दीनियात के सवालों को हटाने को लेकर कमेटी को दोबारा परीक्षण के लिए कहा गया है। कमेटी परीक्षण के बाद अपनी जांच रिपोर्ट देगी, जिसे एकेडमिक काउंसिल में रखा जाएगा। साथ ही सवालों को लेकर लोगों की प्रतिक्रियाएं भी बताई जाएंगी। फिर एकेडमिक काउंसिल जो रिपोर्ट देगी, उसी के हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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