बल्लीपुर में किसान की करेंट की चपेट में आने से मौत

अपने ही लगाये गये कँटीले तारों में अज्ञात कारणों से करेंट आने से हुई मौत

नवाबगंज, गोंडा। आज सुबह गोंडा ज़िले के नवाबगंज थाना क्षेत्र के बल्लीपुर में किसान की करेंट की चपेट में आने से मौत हो गई। सुबह क़रीब सात बजे किसान दीपनारायण पांडेय पुत्र शिव प्रसाद पाण्डेय निवासी रामपुर खेत में काम करने आया और अपने ही खेत में फसलों की सुरक्षा के लिए लगाए गए कांटेदार तार (Barbed Wire Fencing) में उलझ गया। जिसमें उस समय अज्ञात कारणों से करेंट आ रहा था। कांटेदार तारों में उलझने के बाद वह अपने खेत के बग़ल वाले कृपाशंकर मिश्र के खेत में गिर गया। उस समय साथ में कोई अन्य व्यक्ति ना होने के कारण उसे बचाया नहीं जा सका।

इस प्रकरण में पुलिस ने शव को क़ब्ज़े में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही मृतक के खेत से जुड़े हुए कुछ अन्य किसानों पर FIR भी दर्ज की गई है।

स्थानीय निवासियों ने बताया कि मृतक के खेत से सटे अन्य खेतों में भी लोग झटका मशीन का इस्तेमाल आवारा जानवरों से फसलों की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल करते हैं। कुछ समय से मृतक अपने खेत में लगे कटीले तारों को भी उसी झटका मशीन के तारों से जोड़ कर अपने गन्ने की फसल की सुरक्षा कर रहा था। वह रोज़ रात को अपने तार झटका मशीन के तारों से जोड़ कर सुबह निकाल देता था। आज सुबह भी वह तार खोलने जा रहा था, तभी उसके पैर अपने ही खेत के कँटीले तारों में फँस गये जिनमें वह ख़ुद ही चोरी से करेंट प्रवाहित कर के आया था। झटका मशीन पर उसके चोरी से अधिक लोड डालने के कारण मशीन के रिले में हुई तकनीकी ख़राबी के चलते उसकी जान चली गई।

क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग खेतों की सिंचाई के लिए बिजली से चलने वाले मोटर का इस्तेमाल करते हैं। जिनमे इस्तेमाल होने वाले केबल जगह जगह से खुले होते हैं, जिनकी वजह से पहले भी इस क्षेत्र में कई दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं।

क्षेत्र में खुले घूमने वाले आवारा पशुओं की भरमार है. स्थिति यह है कि रातों रात किसानों की पूरी की पूरी फसल तबाह कर देते हैं. ऐसे पशु 50 से 100 की झुंडों में आ कर ताज़ा फसलों को खा और कुचल कर तबाह कर देते हैं. इनसे बचने के लिए किसान कँटीले तारों से खेत को घेर देते है और पूरी रात खेत में रह कर फसलों की सुरक्षा करते हैं और कुछ लोग झटका मशीन आदि का इस्तेमाल कर अपनी फसलों को आवारा जानवरों से सुरक्षा के लिए इस्तेमाल करते हैं। साथ ही माँझा जैसे तराई क्षेत्रों में लोग बिजली के करेंट का भी इस्तेमाल करते हैं, जिसकी वजह से आये दिन ऐसी दुर्घटनाएँ हो जाती हैं.

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