कानपुर: फर्जी आयकर अधिकारी गिरफ्तार, आठ माह से घर वाले भी थे अंधेरे में…

कानपुर में एक युवक को अधिकारी बन मोहल्ले में रौब गांठने का ऐसा शौक चढ़ा कि उसने घर वालों को ही आयकर विभाग में नौकरी लगने की झूठी सूचना दे दी। परिजनों ने भी बाकायदा हवन-पूजन और 200 लोगों को भोज कराया। इसके बाद युवक रोजाना सुबह समय से नौकरी के नाम पर निकल जाता और शाम को आता।

करीब आठ माह बाद मंगलवार को उस समय घर वालों को आघात लगा जब पुलिस ने युवक को चेकिंग के दौरान पकड़कर उसकी पोल खोल दी। हालांकि उसने फर्जी आईकार्ड दिखाकर पहले पुलिस को भी अरदब में लेने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे वह टूट गया। बुधवार को उसे जांच-पड़ताल के बाद जेल भेज दिया गया।
दरअसल, कल्याणपुर एसीपी अभिषेक पांडेय मंगलवार देर रात पुलिस टीम के साथ चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान आयकर विभाग की प्लेट लगी एक काले रंग की कार कल्याणपुर की ओर से आती नजर आई। एसीपी ने बताया कि पुलिस के रोकने पर कार से उतरे महावीरपुरम निवासी रितेश शर्मा ने खुद को आयकर अधिकारी बताते हुए रौब गांठना शुरू कर दिया।

रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने भेजा है जेल
रितेश ने एसीपी कल्याणपुर को अपना फर्जी आईकार्ड भी दिखाया, लेकिन पूछताछ में शक होने पर पुलिस ने सख्ती की तो रितेश टूट गया। एसीपी ने बताया कि रितेश शर्मा खुद को आयकर अधिकारी बताकर इलाके में रौब गांठता था। हालांकि, अभी तक फर्जी आईकार्ड के जरिये किसी तरह की धोखाधड़ी की बात सामने नहीं आई है। रिपोर्ट दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है। रितेश के खाते की आठ माह की जानकारी भी जुटाई जा रही है।

बड़ी सी प्लेट में लिखा था आयकर विभाग
एसीपी ने बताया कि रितेश की कार में लगी लाल रंग की बड़ी सी प्लेट में आयकर विभाग लिखा था। अमूमन अधिकारी इस तरह की प्लेट नहीं लगाते हैं, जिससे शक होने पर उसे रोका गया था। पूछताछ में रितेश ने बताया कि उसने आठ महीने पहले अपने फर्नीचर ठेकेदार पिता राजेंद्र नाथ शर्मा को आयकर विभाग में अधिकारी पद पर नौकरी लगने की जानकारी दी थी। पिता ने बताया कि कई बार तो दो-दो दिन तक घर के बाहर रहता था। पूछने पर कहता था छापे के लिए बाहर गया था।

आपका बेटा इतना बड़ा अधिकारी, बाइक से जाऊंगा तो अच्छा नहीं लगेगा
पुलिस ने बताया कि स्नातक तक की पढ़ाई करने के बाद रितेश एसएससी की तैयारी कर रहा था। कहीं नौकरी न लगने पर परिजनों से झूठ बोला था। पिता से कहा था कि आपका बेटा इतना बड़ा अधिकारी है, बाइक से जाएगा तो अच्छा नहीं लगेगा। इसके बाद वह पिता की कार से रोजाना काम पर जाने की बात कहकर जाता था। नौकरी लगने की सूचना के बाद शादी के लिए अधिकारियों के घरों से रिश्ते आने लगे थे।

Back to top button