जम्मू: नाबालिग से दुष्कर्म में ढोंगी बाबा को 10 साल का कठोर कारावास और जुर्माना

नाबालिग से दुष्कर्म कर उसे गर्भवती करने वाले ढोंगी बाबा को अदालत ने 10 साल के कठोर कारावास और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। रियासी प्रधान सत्र न्यायाधीश सोनिया गुप्ता ने धर्मानंद सरस्वती उर्फ रामानंद सरस्वती निवासी सेरखाड़ा तहसील गोकई महवान जिला मथुरा (उत्तर प्रदेश) के मामले की मंगलवार को सुनवाई की।
रामनांद रियासी में एक परिवार के घर उनका धर्मगुरु बनकर रहता था। इसका फायदा उठाकर आरोपी ने घर में रहने वाली 15 वर्षीय नाबालिग को दूध में कुछ मिलाकर पिलाया और उसका कई बार दुष्कर्म किया। बाद में उसे धमकाया कि यदि उसने किसी को इस बारे में बताया तो वह उसके परिवार को मार देगा। दुष्कर्म के कुछ समय बाद नाबालिग को पेट में दर्द हुआ तो उसने परिवार को पूरी बात बताई। परिवार की शिकायत पर आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
रियासी प्रधान सत्र न्यायाधीश सोनिया गुप्ता ने मंगलवार दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि 15 साल की नाबालिग लड़की पर आरोपी द्वारा किए गए अपराध की प्रकृति उसे किसी भी तरह की नरमी का अधिकार नहीं देती। आरोपी की उम्र के आधार पर उसके प्रति कोई नरम रुख नहीं अपनाया जा सकता, क्योंकि उसे इस तरह की बेशर्म हरकत करने से पहले इस बारे में सोचना चाहिए था।
दरअसल दोषी की उम्र उसके द्वारा किए गए अपराध को और अधिक शैतानी बना देती है। दुष्कर्म का अपराध इसलिए और अधिक घृणित हो जाता है, क्योंकि यह एक बुजुर्ग व्यक्ति द्वारा एक नाबालिग और असहाय लड़की पर किया गया था, जिससे वह गर्भवती हो गई। दोषी को ऐसी शर्मनाक हरकत करने से पहले अपनी उम्र, स्वास्थ्य और परिवार के सदस्यों के बारे में सोचना चाहिए था। इन दलीलों के साथ न्यायालय ने दोषी बाबा को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि पीड़ित मुआवजा योजना के तहत पीड़ित तीन लाख रुपये की हकदार है। सरकार की तरफ से यह राशि उसको दी जाए।