इन 7 खराब आदतों की वजह से बन सकते हैं कैंसर का शिकार

कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, जिसकी वजह से हर साल लाखों लोग अपनी जान गवाते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, साल 2020 में लगभग 1 करोड़ जानें सिर्फ कैंसर की वजह से गई हैं। कैंसर के मामले भी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2050 तक कैंसर के मामलों में 77 प्रतिशत वृद्धि हो सकती है। इसलिए कैंसर से बचाव करना बेहद जरूरी है।
हालांकि, लोगों में अभी भी कैंसर को लेकर जानकारी का काफी अभाव है। कैंसर किन कारणों से हो सकता है, उसकी बेहद सीमित जानकारी होने की वजह से उससे बचाव करना काफी मुश्किल हो जाता है। कैंसर के रिस्क फैक्टर्स में हमारी लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ आदतें भी शामिल हो सकती हैं। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसी आदतों के बारे में बताने वाले हैं, जिनमें सुधार करके, कैंसर के रिस्क को कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं क्या हैं वे आदतें।
इनएक्टिव लाइफस्टाइल
इनएक्टिव लाइफस्टाइल की वजह से हार्ट डिजीज और ओबेसिटी का खतरा बढ़ता है, यह हम जानते हैं, लेकिन इस कारण कई प्रकार के कैंसर का जोखिम भी बढ़ता है, जिसमें ब्रेस्ट कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर भी शामिल है। इसलिए सेडेंटरी लाइफस्टाइल को खत्म कर, फिजिकली एक्टिव रहने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए रोज थोड़ी देर एक्सरसाइज जरूर करें। यह सिर्फ हेल्दी हार्ट और वेट लॉस में ही नहीं बल्कि, कैंसर के रिस्क को कम करने में भी मदद करता है।
ज्यादा शुगर खाना
चीनी खाने में जितनी मीठी लगती है, हमारी सेहत के लिए उतने कड़वे परिणाम छोड़ सकती है। डाइटरी शुगर की मात्रा ज्यादा होने की वजह से कैंसर होने का रिस्क काफी बढ़ जाता है। शुगर की मात्रा ज्यादा होने की वजह से बॉडी में इंफ्लेमेशन बढ़ जाता है, जो फ्री रेडिकल डैमेज को बढ़ा सकता है। सेल्स में होने वाले इस नुकसान की वजह से कैंसर का रिस्क काफी बढ़ जाता है। इसलिए अपनी डाइट में शुगर की मात्रा नियंत्रित करें। हो सके, तो रिफाइन्ड शुगर की जगह गुड़ जैसे स्वीटनर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
रेड मीट या प्रोसेस्ड मीट का सेवन
खाने में रेड या प्रोसेस्ड मीट को ज्यादा मात्रा में शामिल करना कैंसर को बुलावा हो सकता है। इनमें मौजूद कंपाउंड, जैसे नाइट्राइट्स हमारे पेट को काफी हानि पहुंचा सकते हैं। इस वजह से पेट के कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसलिए अपनी डाइट में प्रोटीन के अन्य स्त्रोतों को शामिल करें और रेड मीट या प्रोसेस्ड मीट की मात्रा नियंत्रित करें।
मोटापा
ज्यादा वजन होने की वजह से कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है। इस वजह से ब्रेस्ट कैंसर, पैंक्रियाटिक कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसलिए वजन कम करने के लिए हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज आदि की मदद लें।
तंबाकू और शराब का सेवन
तंबाकू के पदार्थों का इस्तेमाल करने से फेफड़ों के कैंसर का खतरा काफी ज्यादा रहता है, लेकिन यह बस यहीं खत्म नहीं होता। तंबाकू और शराब पीने की वजह से हेड और नेक कैंसर का खतरा भी काफी ज्यादा हो जाता है। शराब की वजह से लिवर से जुड़ी बीमारियां, जैसे लिवर कैंसर का जोखिम भी रहता है। इसलिए तंबाकू और शराब से जितनी दूरी बना सकते हैं, उतनी बनाकर रखें।
कैन्ड फूड्स
कैन में बंद फूड्स हमारे जीवन को आसान तो बनाते हैं, लेकिन जान को खतरे में भी डाल सकते हैं। कैन में इस्तेमाल हुए केमिकल खाने के साथ मिल सकते हैं, जिस वजह से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। यह केमिकल बीपीए के नाम से जाना जाता है। इसलिए कैन्ड फूड्स की जगह दूसरे विकल्प खोजने की कोशिश करें।
धूप में बिना सन स्क्रीन के जाना
धूप में बिना सन स्क्रीन का इस्तेमाल किए जाने से स्किन कैंसर का खतरा बढ़ता है। धूप में मौजूद यूवी किरणें स्किन कैंसर का कारण बन सकती हैं। इसलिए बाहर निकलने से पहले सन स्क्रीन का इस्तेमाल करें। साथ ही, पूरे कपड़े, हैट आदि के इस्तेमाल से भी धूप से बचा जा सकता है।