कानपुर: बिजली गुल की समस्या से मिलेगी छुट्टी, 24 घंटे सप्लाई देने की तैयारी…
कानपुर में शहरियों को घंटों बिजली गुल होने की समस्या से जल्द छुटकारा मिल सकता है। इसी क्रम में केस्को ने 24 घंटे बिजली सप्लाई देने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए सभी 94 सबस्टेशनों में 600 रिंग मेन यूनिट (आरएमयू) लगाने की योजना है। फीडरों की ब्रांच में ये आरएमयू लगेंगे। इनकी मदद से अगर एक फीडर में बिजली आपूर्ति बाधित होगी, तो दूसरे फीडर से उसे आपूर्ति दी जा सकेगी।
अभी दादानगर औद्योगिक क्षेत्र में 50 आरएमयू आ गए हैं। इनकी मदद से इकाइयों को निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति मिलेगी। अगर सप्लाई ठप होगी तो कुछ ही देर में चालू हो जाएगी। केस्को सब रिवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के दूसरे चरण में इस कार्य को कराने की तैयारी कर रहा है। कानपुर के 14 सबस्टेशन स्काडा सिस्टम से लैस हैं। यहां फॉल्ट और किसी तरह की तकनीकी दिक्कत होने पर तुरंत पता चल जाता है।
इन सबस्टेशनों में 40 आरएमयू लगे हैं। इसी तरह की तकनीक पूरे शहर के सप्लाई सिस्टम में लागू करने की तैयारी है। दादानगर औद्योगिक क्षेत्र में करीब नौ हजार छोटी और बड़ी इकाइयां हैं। यहां अगर काफी देर के लिए बिजली गुल हो जाए तो उत्पादन प्रभावित होता है। इस समस्या को देखते हुए केस्को ने अपने बिजनेस प्लान 2024-25 में दादानगर क्षेत्र में 50 आरएमयू लगाने का खाका तैयार किया है। सभी को छह माह के अंदर इंस्टॉल कर दिया जाएगा।
80 सबस्टेशनों को स्काडा सिस्टम से लैस करने की तैयारी
अभी यह सिस्टम मैनुअल ही कार्य करेंगे। बिजली जाने पर केस्को के गैंगमैन एक फीडर को दूसरे फीडर से जोड़ देंगे। इस कार्य में पांच से दस मिनट का समय लगेगा। इसके अलावा दादानगर के उद्योग कुंज सबस्टेशन में 20 एमवीए क्षमता का पॉवर ट्रांसफार्मर भी लगाया जा रहा है। यह ओवरलोडिंग की समस्या से बचाएगा। इसके अलावा शहर के बाकी 80 सबस्टेशनों को स्काडा सिस्टम से लैस करने की तैयारी है। इसी वर्ष के आखिर में कार्य शुरू हो सकता है।
दादानगर के बाद यहां लगेंगे आरएमयू
केस्को शहर के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में रिंग मेन यूनिट (आरएमयू) लगवाएगा। शुरुआत दादानगर खंड से की जा रही है, जिसके अंतर्गत उद्योगकुंज, दादा नगर, पॉलीमर और इस्पात नगर सबस्टेशन आते हैं। यहां के बाद फजलगंज, रूमा आदि क्षेत्रों में भी आरएमयू लगने की प्रक्रिया शुरू होगी। फिर पॉश इलाकों मसलन विकासनगर, सर्वाेदयनगर, स्वरूपनगर आदि क्षेत्रों में आरएमयू लगाए जाएंगे।
क्या है आरएमयू
यह एक तरह का ब्रेकर रहता है, जिसमें दो तरफ से सप्लाई होती है। अगर एक सप्लाई बंद हुई तो दूसरे फीडर से मिलने लगती है। यह डेढ़ से दो मीटर लंबा होता है। इसे आकलन कर फीडर की उस ब्रांच में लगाया जाता है, जहां करंट और वोल्टेज की सप्लाई निश्चित तरीके से हो।
शहर में बिजली की सप्लाई लंबे समय तक प्रभावित न हो, इसके लिए फीडरों की ब्रांच में रिंग मेन यूनिट लगाए जा रहे हैं। केस्को के बिजनेस प्लान में 50 आरएमयू लगाए जाएंगे, जबकि आरडीएसएस स्कीम के अंतर्गत 600 आरएमयू लगाने की योजना है। आरएमयू की मदद से एक फीडर को दूसरे फीडर से सप्लाई दी जाती है। -श्रीकांत रंगीला, मीडिया प्रभारी, केस्को