जम्मू कश्मीर: हाई कोर्ट के आदेश पर हितेश चौधरी 13 वर्ष बाद बनेंगे JKAS अफसर

करीब 13 वर्ष बाद जम्मू निवासी हितेश चौधरी जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा (जेकेएएस) के अफसर बनेंगे। चौधरी ने वर्ष 2011 में जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 1220 अंक हासिल किए थे। इसके बावजूद उन्हें नियुक्ति नहीं मिली थी। हितेश ने इस फैसले को 2016 में कोर्ट में चुनौती दी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। अब हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रद्द करते हुए हितेश को नियुक्त करने का आदेश दिया है।

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ताशी रबस्टन एवं पुनीत गुप्ता की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने संबंधित याचिका पर सुनवाई की। इसमें बताया कि याचिकाकर्ता ने लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा 2010 के माध्यम से तीन सेवाओं की चयन प्रक्रिया में भाग लिया था। उन्होंने ओपन मेरिट श्रेणी में आवेदन किया और 1220 अंक हासिल किए। तीन अन्य अभ्यर्थियों ने भी समान अंक प्राप्त किए।

योग्यता के क्रम में 2 उम्मीदवारों को नियुक्ति के लिए चुना गया, लेकिन समान अंक होने के बावजूद उनका चयन नहीं हुआ। अन्य उम्मीदवार रूपाली फुल्ल को भी समान अंक होने पर नहीं चुना। बताया गया कि आयोग ने 189 पदों का विज्ञापन दिया था लेकिन नियुक्ति के लिए केवल 182 उम्मीदवारों की सिफारिश की थी। चौधरी का नंबर मेरिट लिस्ट में 182के बाद था।

दलीलें सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि एक तरफ रुपाली फुल्ल को 2019 में नियुक्ति का आदेश दिया, लेकिन हितेश का चयन नहीं हुआ। लिहाजा हितेश की नियुक्ति याचिका को कैसे नजरअंदाज किया जा सकता है। लिहाजा 2011 से जेकेएएस पद पर उन्हें नियुक्त किया जाए और उसी तिथि से तमाम पदोन्नित और अन्य लाभ दिए जाएं।

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