कंधे पर बंदूक टांग अचानक थाने पहुंची 62 साल की बुजुर्ग महिला, थर-थर कांपने लगे लोग

आज के इस दौर में उम्र मायने नहीं रखती. कोई भी कार्य उम्र के किसी भी पड़ाव में किया जा सकता है. कुछ ऐसा ही कहानी एमपी के शाजापुर में 62 वर्षीय महिला की है, जो बंदूक भी चलाती हैं. खास बात यह रही कि अचार संहिता लगने के कारण वह अपनी लाइसेंसी बंदूक लेकर जब थाने पहुंची तो हर कोई उन्हें देखता ही रह गया. जिस उम्र में कई बुजुर्ग बिस्तर से उठ भी नहीं पाते, उनका बंदूक को कंधे पर टांगना लोगों को आश्चर्य में डाल देता है.

मध्यप्रदेश के शाजापुर में स्थित लालपुरा क्षेत्र में रहने वाली 62 वर्षीय भगवती बाई, जो कि अपने कंधे पर सिंगल लाल की लाइसेंस धारी बाराबौर बंदूक लेकर थाने पहुंची तो महिला को देखकर हर कोई हैरान रह गया. महिला ने लोकल 18 से बताया कि यह बंदूक मेरे पास करीब 30 साल से है. पहले यह लाइसेंस मेरे पिता जी के नाम पर था, लेकिन कुछ साल पहले उनकी मृत्यु होने के बाद यह लाइसेंस मेरे नाम हो गया. तब से लेकर आज तक पुश्तैनीक बंदूक मेरे नाम से है. बंदूक चलाने को लेकर महिला ने कहा कि मैं इसे साल में एक-दो बार चलाती हूं. इसकी सफाई भी मैं खुद करती हूं.

…तो इसलिए महिला थाने में बंदूक लेकर पहुंची
आगामी दिनों में लोकसभा चुनाव सम्पन्न होना है और चुनावी तारीखों का भी बिगुल बज चूका है. चुनाव के कारण शाजापुर में भी आचार संहिता लग चुकी है. ऐसे में सभी लाइसेंस धारियों को अपने अपने शस्त्र थाने पर जमा करवाना होते हैं. इसी के तहत जब यह 62 वर्षीय बुजुर्ग महिला भगवती बाई अपने कंधे पर बंदूक लिए थाने के अंदर पहुंची तो महिला को देख हर कोई आश्चर्यचकित हो गया. वहीं पुलिस के साथ-साथ जिस किसी ने भी इस महिला इस हाल में देखा वह भी देखकर दंग रह गया. महिला के कोतवाली पहुंचने पर पुलिस कर्मियों ने महिला की जमकर तारीफ भी की.

महिला ने निभाई जिम्मेदारी
लोकल 18 से बातचीत के दौरान सब इंस्पेक्टर जय सुनेरी ने बताया कि चुनाव के चलते सभी लाइसेंस धारियों को अपने-अपने शस्त्र सुरक्षा की दृष्टि से थाने में जमा करवाना रहते हैं. इसी के तहत एक 62 वर्षीय महिला भी अपनी बंदूक जमा करवाने कोतवाली थाने पर पहुंची. बुजुर्ग महिला होते हुए उन्होंने अपनी बंदूक को इतने अच्छे से संभाला और अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए आचार संहिता लगते बंदूक को थाने में जमा करवाने के लिए पहुंची.

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