संजय राउत के चुनावी बॉन्ड वाले बयान पर बीजेपी का पलटवार
भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रवीण दरेकर ने सोमवार को चुनावी बॉन्ड डेटा पर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि एक गेमिंग कंपनी ने तमिलनाडु सत्तारूढ़ डीएमके को इससे कई अधिक दिया है, जो कि इंडी गठबंधन का एक हिस्सा है।
राउत ने चुनावी बॉन्ड को लेकर भाजपा को घेरा
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में संजय राउत ने कहा, “28 फरवरी को गृह मंत्री देवेन्द्र फडणवीस को पत्र लिखकर महाराष्ट्र में चल रहे ऑनलाइन लॉटरी जुए के खेल के बारे में जानकारी दी। इस ऑनलाइन लॉटरी जुए के अड्डे में कई छोटे बच्चे बर्बाद हो गए हैं और कई परिवार नष्ट हो गए हैं। यह जुआ सरकार द्वारा समर्थित है, क्योंकि पुलिस और मंत्रालय को भारी किश्तें मिल रही हैं। कार्रवाई की मांग की गई है। फडणवीस कैसे कार्रवाई करेंगे?”
राऊत ने पूछा, “इस जुआ कंपनी (फ्यूचर गेमिंग. मार्टिन लॉटरी एजेंसी लिमिटेड) ने बीजेपी को 450 करोड़ का चंदा दिया है, तो क्या यह भारतीय जुआ पार्टी है?”
भाजपा नेता ने दिया जवाब
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि डीएमके ने खुद घोषणा की है कि उसे फ्यूचर गेमिंग से बॉन्ड मिला है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “फ्यूचर गेमिंग ने आपके इंडी अलायंस के घटक दल डीएमके को सबसे ज्यादा 37 फीसदी यानी 509 करोड़ रुपये दिए। इसकी घोषणा भी डीएमके ने ही की थी।”
फ्यूचर गेमिंग चुनावी बॉन्ड का सबसे बड़ा दानदाता
चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन का फ्यूचर गेमिंग 1,368 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड का सबसे बड़ा खरीदार था, जिसमें से लगभग 37 प्रतिशत डीएमके को गया है।
कंपनी ने चुनावी बॉन्ड के जरिए तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) को 509 करोड़ रुपये का चंदा दिया है। एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके के अन्य प्रमुख दानदाताओं में मेघा इंजीनियरिंग 105 करोड़ रुपये, इंडिया सीमेंट्स 14 करोड़ रुपये और सन टीवी 100 करोड़ रुपये शामिल हैं।
चुनाव आयोग ने जारी किया चुनावी बॉन्ड का डेटा
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चुनाव आयोग ने रविवार को चुनावी बॉन्ड पर राजनीतिक दलों से प्राप्त डेटा जारी किया, जिसे उसने सीलबंद कवर में सुप्रीम कोर्ट को दिया था।
आंकड़ों के अनुसार, 2018 में पेश किए जाने के बाद से भाजपा को इन बॉन्डों के माध्यम से 6,986.5 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, इसके बाद पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (1,397 करोड़ रुपये), कांग्रेस (1,334 करोड़ रुपये) और बीआरएस (1,322 करोड़ रुपये) का स्थान रहा।