महाराष्ट्र: इस सीट पर शिवसेना उद्धव गुट के उम्मीदवार घोषित करने से कांग्रेस चिढ़ी!

शिवसेना (उद्धव गुट) के प्रवक्ता संजय राउत इन दिनों राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन में सीटों का समझौता न हो पाने पर रोज टिप्पणियां करते रहते हैं। रविवार को उन्हीं की पार्टी ने उत्तर-पश्चिम मुंबई सीट पर एकतरफा प्रत्याशी घोषित कर कांग्रेस को चिढ़ाने का काम कर दिया। इसके बाद उस सीट से कांग्रेस के दावेदार संजय निरुपम ने अपने ‘एक्स’ एकाउंट पर शिवसेना (उद्धव गुट) पर जमकर भड़ास निकाली।

निरुपम ने अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर लिखा, “बची-खुची शिवसेना के प्रमुख ने अंधेरी में उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र से महाविकास आघाणी (मविआ) का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। रात से ही फोन आ रहे हैं। ऐसा कैसे हो सकता है। मविआ की दो दर्जन बैठकें होने के बावजूद अभी तक सीट शेयरिंग पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। जो आठ-नौ सीटें निर्णय के लिए बची हैं, उनमें एक सीट यह भी है। फिर शिवसेना की तरफ से उम्मीदवार की घोषणा करना क्या गठबंधन धर्म का उल्लंघन नहीं है। या फिर कांग्रेस को नीचा दिखाने के लिए ऐसी हरकत जानबूझकर की जा रही है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को इस पर हस्तक्षेप करना चाहिए।”

संजय निरुपम दो बार शिवसेना से राज्यसभा के और दो ही बार कांग्रेस से लोकसभा के सांसद रह चुके हैं। इसमें से एक बार 2009 में वह उत्तर-पश्चिम मुंबई की सीट से चुनकर संसद में पहुंचे थे। लेकिन, प्रबल मोदी लहर के कारण 2014 और 2019 में उन्हें इसी सीट से हार का मुंह देखना पड़ा। तब भाजपा के साथ गठबंधन में अविभाजित शिवसेना उम्मीदवार गजानन कीर्तिकर ने यहां से जीत दर्ज की थी।

पिछले वर्ष शिवसेना में फूट पड़ने के बाद गजानन कीर्तिकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का दामन थाम लिया था। संजय निरुपम को उम्मीद थी कि इस बार यह सीट महाविकास आघाड़ी के सीट समझौते में कांग्रेस के हिस्से में आएगी और वह यहां से फिर से चुनाव लड़ेंगे। बताया जाता है कि यह सीट कांग्रेस के पास रखने के लिए कांग्रेस के बड़े नेताओं ने उद्धव ठाकरे से बात भी की थी।

इसके बावजूद शिवसेना (उद्धव गुट) ने शनिवार देर शाम इस सीट से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। उन्होंने शिवसेना शिंदे गुट में जा चुके वर्तमान सांसद गजानन कीर्तिकर के पुत्र अमोल कीर्तिकर को ही अपना उम्मीदवार बनाया है। शिवसेना में विभाजन के बाद पिता गजानन तो शिंदे गुट में चले गए थे, लेकिन पुत्र अमोल उद्धव के साथ ही बने रहे थे।

घोषित उम्मीदवार पर कोरोना महामारी के दौरान कमीशन खाने का लगाया आरोप संजय निरुपम ने शिवसेना (उद्धव गुट) द्वारा घोषित उम्मीदवार पर कोविड महामारी के दौरान हुए खिचड़ी घोटाले में कमीशन खाने का आरोप भी लगा दिया है।

उन्होंने सवाल किया है कि क्या ऐसे उम्मीदवार के लिए कांग्रेस और शिवसेना के कार्यकर्ता प्रचार करेंगे। दूसरी ओर शिवसेना (उद्धव गुट) के प्रवक्ता आनंद दुबे इस तर्क के साथ इस सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किए जाने को सही ठहराते हैं कि पिछले दो चुनावों से उनका ही उम्मीदवार इस सीट से जीतता आ रहा है। इसलिए, इस बार भी महाविकास आघाड़ी के सीट बंटवारे में इस सीट पर उसका ही दावा बनता है।

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