भारत से थाईलैंड पहुंचे भगवान बुद्ध के अवशेष

भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों अराहाटा सारिपुत्र और अराहाटा मौद्गल्यायन के चार पवित्र पिपरहवा अवशेष गुरुवार को भारतीय वायु सेना के विमान से थाइलैंड ले जाया गया। इन्हें बैंकॉंक के सनम लुआंग मंडप में विशेष रूप से निर्मित मंडप में सार्वजनिक पूजा के लिए स्थापित किया गया। यह दुनिया भर के बौद्ध अनुयायियों द्वारा पूजनीय हैं।

माखा बुचा दिवस पर लगभग एक लाख भक्तों ने भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों के पवित्र अवशेषों की पूजा की। इन्हें हाल ही में भारत से थाइलैंड ले जाने के बाद यहां स्थापित किया गया। भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों, अराहाटा सारिपुत्र और अराहाटा मौद्गल्यायन के चार पवित्र पिपरहवा अवशेष गुरुवार को भारतीय वायु सेना के विमान से थाइलैंड ले जाया गया।

एक लाख भक्तों ने भगवान बुद्ध के किए दर्शन

इन्हें बैंकॉंक के सनम लुआंग मंडप में विशेष रूप से निर्मित मंडप में सार्वजनिक पूजा के लिए स्थापित किया गया।नई दिल्ली में संस्कृति मंत्रालय की ओर से कहा गया कि शनिवार को माखा बुचा दिवस पर लगभग एक लाख भक्तों ने अवशेषों के दर्शन किए।

यह दुनिया भर के बौद्ध अनुयायियों द्वारा पूजनीय हैं। माखा बुचा दिवस एक महत्वपूर्ण बौद्ध अवकाश है, जो 2,500 साल पहले हुई 1,250 प्रबुद्ध भिक्षुओं की चौगुनी सभा की याद दिलाता है।

पिपरहवा में एक खुदाई में पाए गए अवशेष

यह पहली बार है कि भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों के पवित्र अवशेषों को एक साथ प्रदर्शित किया गया है। ये अवशेष चौथी-पांचवीं शताब्दी ईसा पूर्व के हैं और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों की एक टीम द्वारा पिपरहवा में एक खुदाई में पाए गए थे, जिसे प्राचीन कपिलवस्तु स्थल का एक हिस्सा माना जाता है।

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