सेवादार करते हैं इस मंदिर में पूजा, मात्र एक बार दर्शन से पूरी होती है सभी मुराद

भगवान दत्तात्रेय की पूजा ग्रंथों में बेहद शुभ मानी गई है। ऐसी मान्यता है कि उनकी पूजा से जीवन के बड़े-बड़े कष्टों को दूर किया जा सकता है। भगवान दत्तात्रेय के 4 प्रमुख मंदिर हैं, जिनमें से एक मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में स्थित है।

इस प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर में दत्तात्रेय देव की छह भुजाओं वाली एक मुखी प्रतिमा स्थापित है, जिनके दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है।

दत्तात्रेय मंदिर में नहीं है कोई पुजारी
इस चमत्कारी मंदिर को लेकर ऐसा कहा जाता है कि यहां श्री दत्तात्रेय भगवान की पूजा के लिए कोई पुजारी नहीं है। शायद यह दुनिया का एक मात्र मंदिर होगा जहां पुजारी के बिना पूजा होती है। हालांकि यहां कि व्यवस्था में किसी प्रकार की कमी नहीं है, क्योंकि यहां के सेवादार ही मंदिर की सारी व्यवस्थाओं की देख-रेख करते हैं। बता दें, मंदिर के सेवादार हर सप्ताह बदलते रहते है, जिन्हें अगली सेवा का मौका पूरे एक साल बाद मिलता है।

कौन हैं भगवान दत्तात्रेय ?
भगवान दत्तात्रेय ब्रह्मा, विष्णु और महेश के अवतार माने जाते हैं। कहा जाता है कि जो जातक कई तरह की परेशानियों से लगातार घिरे हुए हैं उन्हें इस मंदिर के दर्शन के लिए अवश्य जाना चाहिए। 11 या फिर 21 गुरुवार दत्तात्रेय भगवान के दर्शन करने से जीवन की हर बड़ी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।

दत्त धाम का निर्माण किसने करवाया ?
ऐसा कहा जाता है कि विश्व चैतन्य सदगुरु नारायण महाराज ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। वे भगवान दत्तात्रेय के बहुत बड़े भक्त थे, जिसके चलते उन्होंने इस पवित्र और शुभ कार्य का प्रण लिया था। इसे लोग दत्त धाम के नाम से भी जानते हैं। इस चमत्कारी धाम में गुरुवार के दिन विशेष आरती और पूजन होता है। साथ ही भव्य भंडारे का आयोजन किया जाता है।

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