इस दिन मनाई जाएगी ललिता जयंती, यहां पढ़ें पूजा विधि और महत्व

पंचांग के अनुसार, हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर ललिता जयंती मनाई जाती है। यह दिन माता ललिता को समर्पित माना जाता है और उनकी पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि माता ललिता दस महाविद्याओं में से तीसरी महाविद्या हैं। ललिता जयंती पूरे विधि-विधान से माता ललिता की पूजा करने पर वह प्रसन्न होती हैं और जातक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।

ललिता जयंती शुभ मुहूर्त (Lalita Jayanti 2024 Shubh Muhurat)
माग माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 23 फरवरी को दोपहर 03 बजकर 33 मिनट पर हो रहा है, जिसका समापन 24 फरवरी दोपहर 05 बजकर 59 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, ललिता जयंती, 24 फरवरी, शनिवार के दिन मनाई जाएगी।

ललिता जयंती का महत्व (Lalita Jayanti Significance)
माना जाता है कि ललिता जयंती के शुभ अवसर पर माता ललिता की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त हो सकती हैं। मां ललिता को राजेश्वरी, षोडशी, त्रिपुर सुंदरी आदि कई नामों से भी जाना जाता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि इन दिन सच्चे मन से मां ललिता की पूजा करने से साधक को जन्म-मरण के चक्र से भी छुटकारा मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

ललिता जयंती पूजा विधि (Lalita Jayanti Puja Vidhi)
मां ललिता के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें। कई श्रद्धालु इस दिन उपवास भी रखते हैं। अब मंदिर की अच्छे से साफ-सफाई करने के बाद मंदिर में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और मां ललिता की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद देवी को धूप-दीप अक्षत और पीले रंग के फूल अर्पित करें। इसके साथ ही माता ललिता को दूध से बनी चीजों का भोग लगाएं। साथ ही आप पूजा के दौरान ललितोपाख्यान, ललिता सहस्रनाम, ललिता त्रिशती का पाठ भी कर सकते हैं।

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