इन 5 जगहों के बिना अधूरी है दिल्ली की सैर
देश की राजधानी दिल्ली का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है। यहां घूमने के लिए कई ऐतिहासिक जगह मौजूद हैं। सिर्फ देश ही नहीं, विदेशों से भी बड़ी संख्या में लोग यहां के पर्यटन स्थलों का रुख करते हैं। ऐसे में आपको भी यहां अपने दोस्तों या फैमिली के साथ एक बार जरूर विजिट करना चाहिए। आइए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं, ऐसे ही पांच डेस्टिनेशन्स, जिनके दीदार का सपना विदेशी भी रखते हैं।
अक्षरधाम मंदिर
दिल्ली का अक्षरधाम मंदिर काफी फेमस है। इसे स्वामीनारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। स्वामी नारायण संप्रदाय का यह मंदिर, हिंदू धर्म और इसकी प्राचीन संस्कृति को दिखाता है। इसका उद्घाटन 6 नवंबर, 2005 में किया गया था और 8 नवंबर, 2005 से इसे आम लोगों के लिए खोल दिया गया था। यहां आप बोट राइड, लाइट शो, थियेटर और कई कल्चरल प्रोग्राम्स का आनंद उठा सकते हैं।
इंडिया गेट
कर्तव्यपथ पर स्थित इंडिया गेट भारत के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। यहां आपको सुबह से लेकर शाम तक, बड़ी संख्या में लोग घूमते नजर आ जाएंगे। इसका निर्माण 1931 से 1933 के बीच किया गया था, इसकी ऊंचाई की बात करें, तो ये करीब 42 मीटर है। वीकेंड पर दोस्तों, फैमिली और बच्चों के साथ यहां विजिट करके आप खूब एंजॉय कर सकते हैं।
कुतुब मीनार
कुतुब मीनार भी दिल्ली की खूबसूरत जगहों में से एक है। 73 मीटर ऊंची ये मीनार यूनेस्को की विश्व धरोहर स्मारकों की सूची में भी शामिल है। इसके दीदार के लिए देश ही नहीं, दुनियाभर से पर्यटक पहुंचते हैं। आपको भी यहां जरूर विजिट करना चाहिए।
लाल किला
दिल्ली मुगल बादशाहों की राजधानी रह चुकी है। लाल किले को 1638 से 1648 के बीच मुगल सम्राट शाहजहां ने बनवाया था। आप यहां संग्राहलय और पारंपरिक हस्तशिल्प से जुड़ी कई चीजें देख सकते हैं। इसकी लाल दीवारों के कारण, शाम की वक्त यहां एक अलग ही खूबसूरती झलकती है, जिसका दीदार आपको भी एक बार जरूर करना चाहिए।
लोटस टेंपल
लोटस टेंपल देखने में कमल के फूल की तरह नजर आता है, जिसे संगमरमर की 27 पंखुड़ियों से बनाया गया है। इसका निर्माण 1986 में किया गया था। इसे ‘बहाई मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है। इसकी तुलना ऑस्ट्रेलियाई शहर सिडनी स्थित ओपेरा हाउस से भी की जाती है। यहां आपको चारों ओर हरियाली ही हरियाली दिखाई देगी, जो आपका मन मोह लेगी। इस मंदिर में आपको किसी भगवान की मूर्ति नहीं मिलेगी। यहां के शांत वातावरण में आप अपनी-अपनी आस्था से जुड़ी मानसिक उपासना कर सकते हैं।