पंजाब: सी.बी.एस.ई के स्टूडेंट्स को एक्साम्स के दौरान मिली बड़ी राहत…

15 फरवरी से शुरू होने वाली सैंट्रल बोर्ड ऑफ सैकेंडरी एजुकेशन (सी.बी.एस.ई.) की 10वीं और 12वीं परीक्षाओं में अपीयर होने वाले डायबिटिक स्टूडेंट्स के लिए राहत की खबर है।

दरअसल सी.बी.एस.ई. ने एक नोटिफिकेशन जारी करके टाइप-1 डायबिटीज वाले विद्यार्थियों को परीक्षा हॉल में शूगर की गोलियां, चॉकलेट, कैंडी व फ्रूट ले जाने की परमिशन दे दी है। यही नहीं, ऐसे विद्यार्थी अपने साथ परीक्षा हॉल में ग्लूकोमीटर, शूगर स्ट्रिप्स या अन्य कोई भी मैडीकल जरूरत का सामान ले जा सकते हैं जिसकी जरूरत उन्हें डायबिटीज मैनेज या मॉनीटर करने के लिए पड़ती है। जानकारी के मुताबिक सी. बी. एस.ई. ने विशेषज्ञों की मदद से टाइप-1 डायबिटीज वाले विद्यार्थियों को प्रदान की जाने वाली सहायता की समीक्षा की है और तय किया है कि अब ऐसे छात्रों को कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के दौरान खास सुविधाएं दी जाएंगी। विशेषज्ञों के मुताबिक इस नियम के लागूहोने से डायबिटिक स्टूडेंट्स शुगर लैवल ड्रॉप होने के खतरे से बच सकेंगे, क्योंकि सेंटर में कई बार स्ट्रैस के कारण या बच्चों के ठीक से न खाने-पीने के कारण शुगर लैवल प्रभावित होता रहता है। इसी के साथ ही सी.बी.एस.ई. ने साफ कर दिया है कि कोई भी छात्र परीक्षा हॉल में कोई क म्यूनिकेटिंग डिवाइस या आपत्तिजनक वस्तु नहीं ले जाएगा।

इस बात का रखें ध्यान
परीक्षा से एक दिन पहले परीक्षा केंद्र पर जाकर सुपरिंटेंडेंट को अपने साथ ले जाने वाली वस्तुओं के बारे में सूचित करना होगा।

  • परीक्षार्थी को परीक्षा शुरू होने से कम से कम 45 मिनट पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचना होगा
  • डायबटिक स्टूडेंट्स सुबह 9.45 बजे तक परीक्षा हॉल में बैठ जाएं।
  • ऐसे स्टूडेंट के पैरेंट्स को अंडरटेकिंग देनी होगी कि उनका बच्चा केवल मैडीकल या जरूरत की चीजें ही सेंटर में ले जाएगा।

ले जा सकते हैं ये चीजें

शगर की गोलियां / चॉकलेट/ कैंडी
केला/सेब/संतरा व अन्य फल
स्नैक्स आइटम जैसे सैंडविच और कोई भी हाई-प्रोटीन आहार
डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के अनुसार दवाइयां
■पानी की बोतल (500 एम. एल)
■ ग्लूकोमीटर और ग्लुकोज टैस्टिंग स्ट्रिप्स ग्लूकोज मॉनीटरिंग (सी. जी. एम.) मशीन, फ्लैश ग्लूकोज मॉनीटरिंग (एफ. जी. एम.) मशीन, और/या इंसुलिन पम्प

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