जालंधर: आम सरकार का प्रॉपर्टी बाजार को बड़ा झटका

जालंधर: पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने राज्य में प्रॉपर्टी कारोबार को बड़ा झटका देते हुए अब रैडीडैंशल, कमर्शियल सहित हर प्रकार की प्रॉपर्टी की पावर पावर ऑफ अटॉर्नी पर 2 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी लगा दी है जो प्रॉपर्टी के कलैक्टर रेट पर निर्धारित होगी। पंजाब सरकार राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन विभाग (स्टाम्प और पंजीकरण शाखा) ने पंजाब सरकार द्वारा भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 में संशोधन करने का फैंसले संबंधी अधिसूचना को सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को भेज दिया है जिसके बाद आज से राज्य भर की तहसीलों व सब तहसीलों में पॉवर ऑफ अटॉर्नी कराने वाले आवेदकों को 2 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी का भुगतान करना पड़ा है। रैवेन्यू विभाग का सॉफ्टवेयर नेशनल जैनरिक डाक्यूमैंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एन.जी.डी.आर.एस. में आज से होने वाली हरेक पॉवर ऑफ अटॉर्नी की अप्रूवल पर स्टांप ड्यूटी अनिवार्य कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि पंजाब कैबिनेट ने 20 जून 2023 को किसी व्यक्ति को संपत्ति बेचने का अधिकार देने के उद्देश्य से बनाई गई पावर ऑफ अटॉर्नी (पीओए) पर स्टांप शुल्क बढ़ाने का फैसला किया था, जिसे अब लागू किया गया है।
ब्लड रिलेशन में नहीं अदा करनी होगी 2 प्रतिशत स्टांप डयूटी
पंजाब सरकार के आदेशों मुताबिक पॉवर ऑफ अटॉर्नी पर 2 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी लगाई तो गई है परंतु ब्लड रिलेशन में दी गई पावर ऑफ अटॉर्नी पर स्टांप ड्यूटी नहीं लगाई गई है। इन रिश्तों में पति/पत्नी, बच्चे, माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी और पोते का रिश्ता शामिल है। इन रिश्तों में पॉवर ऑफ अटॉर्नी देने दौरान पहले से निर्धारित 2000 रुपए पॉवर ऑफ अटॉर्नी आम और पॉवर ऑफ अटॉर्नी खास के लिए 1000 रुपए स्टांप ड्यूटी अदा करनी होगी।
प्रॉपर्टी बाजार पर पड़ेगा प्रतिकूल असर, सरकार फैसला ले वापस : प्रॉपर्टी कारोबारी
प्रॉपर्टी कारोबारी इकबाल सिंह अरनेजा, सुदेश विज, सोम प्रकाश अरोड़ा, जसविंदर सिंह का कहना है कि पंजाब सरकार द्वारा पॉवर ऑफ अटॉर्नी पर दो फीसदी स्टांप ड्यूटी लगाने से प्रॉपर्टी बाजार पर सीधा असर पड़ना तय है। अभी तक केवल 100 रुपए के स्टांप पेपर पर पावर ऑफ अटॉर्नी ली जा सकती थी और केवल 1000 या 2000 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस अदा की जाती थी परंतु अब नए फैसले से हरेक बार पॉवर ऑफ अटार्नी लेने पर कलैक्टर रेट पर 2 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी देनी होगी, जो कि न्यायोचित नहीं है। सुदेश विज, इकबाल सिंह अरनेजा, सोम प्रकाश अरोड़ा, जसविंदर सिंह ने कहा कि प्रॉपर्टी ही एक ऐसा कारोबार है जिससे करीब हर छोटा-बड़ा वर्ग जुड़ा हुआ है और सैंकड़ों प्रकार के काम-धंधे प्रॉपर्टी कारोबार से चलते हैं। सरकार के नए फैसले से पहले से ही मंदी की मार झेल रहे कारोबार पर इस फैसले का बड़ा दुष्प्रभाव पड़ेगा। प्रॉपर्टी कारोबारियों का कहना है कि हरेक प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराई जाती है, केवल उनकी प्रॉपर्टी की पावर ऑफ अटॉर्नी होती है जिन्हें री-सेल किया जाना हो। ऐसे में छोटे-छोटे सौदे करके खरीद-फरोख्त करके कमाई के लिए निवेश करने वाले लोगों के आय के साधन ही बंद होकर रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी प्रॉपर्टी कलैक्टर रेट के मुताबिक 50 लाख रुपए की होगी तो उसकी हर पॉवर ऑफ अटॉर्नी पर अब 1 लाख रूपए की स्टाम्प ड्यूटी अदा करनी पड़ेगी। सुदेश विज, इकबाल सिंह अरनेजा, सोम प्रकाश अरोड़ा, जसविंदर सिंह ने मांग की कि सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करके तुरंत इसे वापस ले और कारोबार को बर्बाद होने से बचाए।
पॉवर ऑफ अटॉर्नी के दौरान 2 प्रतिशत स्टांप डयूटी कर दी गई है लागू : गुरप्रीत सिंह
इस संबंध में सब रजिस्ट्रार-2 गुरप्रीत सिंह का कहना है कि पंजाब सरकार की नोटिफिकेशन जारी होने के बाद ब्लड रिलेशन के अलावा हरेक पावर ऑफ अटॉर्नी पर कलैक्टर रेट या खरीदने व बेचने वाले दोनों पक्षों में हुए कलेक्टर रेट से ऊपर की रकम के हुए सौदे के मुताबिक 2 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी लागू हो गई है। गुरप्रीत सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार के रैवेन्यू विभाग का सॉफ्टवेयर नेशनल जैनरिक डाक्यूमैंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एन.जी.डी.आर.एस.) साफटवेयर में इसे अपलोड कर दिया गया है। अब किसी भी व्यक्ति को पावर ऑफ अटॉर्नी कराने को लेकर ऑनलाइन अपॉइंटमैंट लेने दौरान पावर ऑफ अटॉर्नी होल्डर से रिश्ते संबंधी सम्पूर्ण विवरण व दस्तावेज सबमिट कराने या ब्लड रिलेशन के बाहर के व्यक्ति को अटॉर्नी देने को लेकर कलैक्टर रेट के मुताबिक बनती 2 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी को अदा करना ही पड़ेगा जिसके उपरांत ही ऑनलाइन अप्वाइंटमैंट मिल पाएगी। गुरप्रीत सिंह ने बताया कि जब दस्तावेज उनके पास अप्रूवल को आएगा उस दौरान उन्होंने जमीन का रकबा, एरिया व कलैक्टर रेट की जांच करनी है।
अवैध कालोनी काटने वाले प्रॉपर्टी कारोबारियों पर कसेगा शिकंजा
सरकार के इस फैसले से राज्य में अवैध कॉलोनी काटने वाले कारोबारियों पर भी बड़ा शिकंजा कसना तय है। हालांकि पंजाब सरकार ने अवैध कालोनियों में बिना एन.ओ.सी के रजिस्ट्री पर पूरी तरह से पाबंदी लगा रखी है, केवल उन्हीं प्लाट या भवन की रजिस्ट्री बिना एन.ओ.सी. के हो पाती है जिनके पास वर्ष 1995 की कोई रजिस्ट्री दस्तावेज मौजूद हो। परंतु अभी तक देखा जाता है कि ज्यादातर अवैध कॉलोनाइजर जमींदार से खेत या किसी बड़े प्लाट को खरीद कर जमीन की रजिस्ट्री करा नगर निगम, पुडा या संबंधित विभागों से कालोनी की अप्रूवल लेने की बजाय जमींदार से जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी ले लेते है। जबकि जमींदार से एग्रीमैंट कर रजिस्ट्री कराने का लंबा समय ले लेते है और खेत में प्लाट काटकर पॉवर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से प्लाटों को आमजन को बेच देते हैं। इस दौरान अगर कोई कानूनी अड़चन भी पैदा होती है तो केवल पावर ऑफ अटॉर्नी होने की आड़ में कालोनाइजर कानूनी दांव-पेच में से आसानी से निकल जाता है परंतु अब ऐसे धोखेबाज कॉलोनाइजरों पर भी नकेल कसनी तय मानी जा रही है, क्योंकि उन्हें खेत या प्लाट खरीदने दौरान पॉवर ऑफ अटॉर्नी कराने दौरान अब उन्हें कलेक्टर रेट के मुताबिक 2 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी अदा करनी ही पड़ेगी।