दुकानों के साइन बोर्ड पर लिखे ‘M/S’ और ‘Sons’ का क्या है मतलब? जानिए

गांव-शहर के बाजार से लेकर महानगरों तक हम दुकानों के साइन बोर्ड पर अक्सर ‘M/S’ और ‘सन्स’ शब्द दिख जाते हैं. हम भी दैनिक जीवन में इन शब्दों का खूब इस्तेमाल भी करते हैं. लेकिन, क्या आपको पता है कि आखिर ये क्यों लिखे जाते हैं और इनका मतलब क्या है? ये बहुत आम शब्द हैं. इसका प्रयोग अपने समाज में दशकों से हो रहा है. लेकिन, मतलब जानने के लिए 99 फीसदी लोग गूगल का सहारा लेने लगते हैं. दरअसल, M/S अंग्रेजी शब्द ‘Messrs’ का शॉट फॉर्म है. यह अंग्रेजी के ही ‘Mister’ शब्द का प्लूरल है. मिस्टर को शॉट फॉर्म में ‘Mr.’ लिखा जाता है. इसे मूल रूप से फ्रेंच शब्द Messieurs से लिया गया है.

अब सवाल है कि इसे साइन बोर्ड पर क्यों लिखा जाता है? दरअसल, जब दो लोग मिलकर कोई कारोबार करते हैं तब साइनबोर्ड पर दुकान या कारोबार के नाम में M/S शब्द जोड़ दिया जाता है. इसका इस्तेमाल केवल सम्मान देने के लिए होता है. जैसे हम किसी पुरुष के नाम के शुरू में संबोधन के शब्द ‘Mr.’ लगाते हैं उसी तरह किसी दो लोगों के कारोबार का नाम एक होता है और उसके पीछे संबोधन के तौर पर M/S लगाते हैं. यह एक ब्रिटिश परंपरा है. हमारे देश में भी लंबे समय तक ब्रिटिश शासन रहा है. ऐसे में उनकी कई परंपराएं हमारे समाज में आज भी चलती हैं.

Sons का क्या है मतलब
किसी कारोबार के नाम के आगे संस लिखने की भी परंपरा काफी पुरानी है. इसका स्पष्ट मतलब यह होता है कि उक्त कारोबार किसी परिवार द्वारा शुरू किया गया था. यह भी अंग्रेजी के शब्द Son से लिया गया है. Son का मतलब बेटा होता है और साइनबोर्ड पर कारोबार के नाम में सन्स जुड़े होने से पता चलता है कि उक्त कारोबार उस परिवार की कई पीढ़ियां करते आ रही हैं. कारोबार को जब अगली पीढ़ी संभालने लगती है तो वह उसके नाम में सन्स जोड़ देती है. जैसे किसी दुकान का नाम अग्रवाल भंडार है. लेकिन जब उसकी अगली पीढ़ी उसे संभालने लगती है तो उसके नाम में वह सन्स शब्द जोड़ देती है और दुकान का नाम ‘अग्रवाल एंड सन्स’ हो जाता है.

हालांकि, यह ध्यान रखना चाहिए कि इसको लेकर कोई कानूनी बाध्यता नहीं होती. यह कारोबारी दुनिया में एक परंपरा यानी चलन है जो दशकों से चली आ रही है. इसी कारण पारंपरिक बिजनेस मैन साइनबोर्ड पर ये शब्द लिखवाते हैं. लेकिन, अब दुनिया बदल रही है. बिजनेस का स्वरूप बदल रहा है. ऐसे में नए कारोबार में इन शब्दों का प्रयोग कम हो रहा है.

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