अनिल कपूर ने बोले- ‘मैं एक्टर बनने आया था, पात्रों ने स्टार बना दिया’
अपने किरदारों से पहचाना जाना पसंद करते हैं अनिल स्टार और कलाकार में क्या अंतर होता है? यकीनन होता है, हर स्टार कलाकार नहीं होता है, लेकिन हर कलाकार स्टार बन सकता है, अपने निभाए किरदारों की वजह से। इस बात में एनिमल फिल्म अभिनेता अनिल कपूर यकीन रखते हैं।
जब अनिल से पूछा गया कि स्टार और कलाकार के बीच के अंतर को वह कैसे देखते हैं, क्योंकि स्टार और कलाकार दोनों शब्दों को उनसे जोड़ा जाता है। इस पर अनिल कहते हैं कि मैंने जब काम करना शुरू किया तो मुझे केवल काम चाहिए था। छोटे-छोटे रोल से करियर शुरू किया था। मुंबई में काम नहीं मिल रहा था, तो तेलुगु और कन्नड़ फिल्में की। फिर हिंदी में काम मिला। मैंने सोचा नहीं था कि स्टार बनूंगा, तब तो सिर्फ काम चाहिए था।
मैं तो एक्टर बनना चाहता था, गलती से स्टार भी बन गया- अनिल कपूर
आगे बोले कि फिल्मों में काम मिलना शुरू हुआ, तो अच्छी कहानियां सुनने को मिली, अच्छे निर्देशक और सहकलाकारों के साथ काम करने का अवसर मिला। मुझे लोग मेरे किरदारों के नाम कभी मुन्ना, तो कभी लखन से बुलाने लगे। मैं सोचता था, सब कब अनिल के नाम से बुलाएंगे। मैं तो एक्टर बनना चाहता था, गलती से स्टार भी बन गया। यह मेरे किरदारों के कारण हुआ। वह प्रसिद्ध नहीं होते, तो मैं नहीं बन पाता। इसमें लेखकों, निर्देशकों और कलाकारों काम योगदान है।
उन्होंने आगे कहा कि मैं दिलीप कुमार साहब के साथ काम करना चाहता था। मशाल में वह मौका मिला। वो सात दिन में अगर नसीरुद्दीन शाह साहब या पद्मिनी कोल्हापुरे नहीं होते, तो वह फिल्म देखने लोग नहीं जाते। उनकी वजह से लोग मुझे जानने लगे। आप कभी सोचकर नहीं आ सकते हैं कि स्टार बनना है। देश में हमसे ज्यादा प्रतिभाशाली और खूबसूरत लोग हैं। मैं किस्मत वाला हूं कि ऊपर वाले के आशीर्वाद से ऐसे रोल मिले, जिसने एक्टर और स्टार दोनों बना दिया।