क्या है डीपफेक जिससे परेशान है पूरी दुनिया, जानिए

भारत में कई सेलेब्रिटीज की फर्जी फोटोज-वीडियोज वायरल करने के बाद अब डीपफेक अमेरिका में पहुंच चुका है। अमेरिका में डीपफेक का गंदा खेल मशहूर सिंगर टेलर स्विफ्ट के साथ शुरू हुआ है। टेलर स्विफ्ट की एक डीपफेक फोटो वायरल हुई है जिसके बाद डीपफेक को लेकर अमेरिका में नई बहस छिड़ गई है। सोशल मीडिया में वायरल हो रही स्विफ्ट की फर्जी तस्वीरें ने अमेरिकी नेताओं का ध्यान डीपफेक की ओर आकर्षित किया है। अमेरिका में इसे पूरी तरह से बैन करने और इसे तैयार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग हो रही है। आइए जरा समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर यह है क्या?

क्या होता है डीपफेक?
डीपफेक वीडियो और वीडियो दोनों रूप में हो सकता है। इसे एक स्पेशल मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके बनाया जाता है जिसे डीप लर्निंग कहा जाता है। डीप लर्निंग में कंप्यूटर को दो वीडियोज या फोटो दिए जाते हैं जिन्हें देखकर वह खुद ही दोनों वीडियो या फोटो को एक ही जैसा बनाता है।

यह ठीक उसी तरह है जैसे बच्चा किसी चीज की नकल करता है। इस तरह के फोटो वीडियोज में हिडेन लेयर्स होते हैं जिन्हें सिर्फ एडिटिंग सॉफ्टवेयर से ही देखा जाता है। एक लाइन में कहें तो डीपफेक, रियल इमेज-वीडियोज को बेहतर रियल फेक फोटो-वीडियोज में बदलने की एक प्रक्रिया है। डीपफेक फोटो-वीडियोज फेक होते हुए भी रियल नजर आते हैं।

बहुत ही आसान भाषा में कहें तो डीपफेक एक एडिटेड वीडियो होता है जिसमें किसी अन्य के चेहरे को किसी अन्य के चेहरे से बदल दिया जाता है। डीपफेक वीडियोज इतने सटीक होते हैं कि आप इन्हें आसानी से पहचान नहीं सकते। डीपफेक वीडियो बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग की भी मदद ली जाती है।
कैसे बनते हैं डीपफेक?

Deepfakes दो नेटवर्क की मदद से बनता है जिनमें एक इनकोडर होता है और दूसरा डीकोडर नेटवर्क होता है। इनकोडर नेटवर्क सोर्स कंटेंट (असली वीडियो) को एनालाइज करता है और फिर डाटा को डीकोडर नेटवर्क को भेजता है। उसके बाद फाइनल आउटपुट निकलता है जो कि हूबहू असली जैसा है लेकिन वास्तव में वह फेक होता है।

इसके लिए सिर्फ एक वीडियो या वीडियो की जरूरत होती है। डीपफेक के लिए कई वेबसाइट्स और एप हैं जहां लोग डीपफेक वीडियोज बना रहे हैं। आप ऊपर की तस्वीर को देखें। ना यह इंस्टाग्राम अकाउंट ऐश्वर्या राय बच्चन का है और ना इस पर शेयर हुए कंटेंटऐश्वर्या राय के हैं। यह डीपफेक का सबसे बड़ा उदाहरण है।

डीपफेक वीडियो कैसे पहचानें?
इस तरह के फोटो-वीडियोज को पहचानना आसान तो नहीं है लेकिन नामुमकिन भी नहीं है। इन्हें पहचानने के लिए आपको वीडियो को बहुत ही बारिकी से देखना होगा। खासतौर पर चेहरे के एक्सप्रेशन, आंखों की मूवमेंट और बॉडी स्टाइल पर ध्यान देना होगा। इसके अलावा बॉडी कलर से भी आप इन्हें पहचान सकते हैं। आमतौर पर ऐसे वीडियोज में चेहरे और बॉडी का कलर मैच नहीं करता है।

इसके अलावा लिप सिंकिंग से भी इस तरह के वीडियोज की पहचान की जा सकती है। ऐसे वीडियोज को आप लोकेशन और एक्स्ट्रा ब्राइटनेस से भी पहचान सकते हैं। इसके अलावा खुद ही समझ से भी आप यह तय कर सकते हैं कि यह वीडियो असली है या नहीं। उदाहरण के तौर पर बराक ओबामा का भोजपुरी गाने पर डांस का वीडियो फर्जी हो सकता है।

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