कानपुर: मुख्यमंत्री शिक्षुता स्कीम के तहत मिलेगा अप्रेंटिसशिप का मौका

मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रशिक्षण स्कीम के अंतर्गत प्रदेश भर के युवाओं को अप्रेंटिसशिप का मौका मिलेगा। बोर्ड ऑफ अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग की कंपनियों से बात हुई है, जिसके के चलते पांच हजार कंपनियों में रोजगार के द्वार खुलेंगे।

प्रदेश के डिग्री और डिप्लोमाधारक बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए बोर्ड ऑफ अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग ने कमर कस ली है। बोर्ड की करीब पांच हजार कंपनियों से बात चल रही है। सब कुछ ठीक रहा तो कुछ महीनों बाद मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रशिक्षण स्कीम के अंतर्गत युवाओं को सरकारी, निजी संस्थान, कंपनियों, मॉल, लाइब्रेरी, अस्पताल और मल्टीनेशनल कंपनियों में अप्रेंटिसशिप करने का मौका मिलेगा।

इन्हें मानदेय भी दिया जाएगा। प्रदेश में युवाओं के कौशल विकास के लिए पिछले वर्ष मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप प्रमोशनल स्कीम लांच की गई, जिसके लिए 100 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित हुआ। इस स्कीम में डिप्लोमा या स्नातक कर चुके छात्रों को प्रशिक्षण के साथ ही मानदेय दिया जाएगा।

इस स्कीम को लागू करने की जिम्मेदारी उत्तरी क्षेत्र के बोर्ड ऑफ अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग को दी गई है। इस रीजन में उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, पंजाब, राजस्थान समेत नौ राज्य आते हैं। युवाओं को प्रशिक्षण के लिए पोर्टल पर आवेदन करना होगा। बोर्ड ने आईआईटी कानपुर, आईआईटी बीएचयू, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी और इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन से पत्राचार किया है।

हर जिले के डीएम को नोडल अधिकारी बनाया जाएगा
जल्द ही एकेटीयू और इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के साथ करार किया जाएगा। मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप प्रमोशनल स्कीम के लिए हर जिले के डीएम को नोडल अधिकारी बनाया जाएगा। वह हर महीने इसकी प्रगति को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे। उनके पास कंपनियों और संस्थानों का ब्योरा भी रहेगा।

बीए, बीएससी, बीकॉम के छात्रों को भी मिलेगा लाभ
नई शिक्षा नीति से पहले बोर्ड ऑफ अप्रेंटिसशिप सिर्फ इंजीनियरिंग के डिग्री और डिप्लोमाधारक युवाओं को प्रशिक्षण दे रहा था। उन्हें हर माह कंपनियों की ओर से निर्धारित मानदेय मिलता था। नई शिक्षा नीति के बाद अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग के प्रारूप में बदलाव किया गया। सामान्य स्नातक पास छात्राओं के कौशल निखारने की तैयारी हुई। अब बीए, बीएससी, बीकॉम और अन्य डिप्लोमा धारकों को लाभ मिल सकेगा। उनके पास कई तरह की नौकरी के अवसर होंगे।

एक जिला एक उत्पाद के तहत होगा काम
प्रदेश में प्रशिक्षण कार्यक्रम को एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत बढ़ाने की प्लानिंग है। नई स्टार्टअप कंपनियों को भी जोड़ा जा रहा है। इससे जिले की विशेषता वाली वस्तुएं और उत्पाद भी बढ़ेगा, जबकि उस शहर के युवा हुनरमंद हो जाएंगे। वह स्वयं प्रशिक्षित होकर अन्य को प्रशिक्षण दे पाएंगे।

मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप प्रमोशनल स्कीम से जुड़ने के लिए करीब पांच हजार कंपनियों से बातचीत हो चुकी है। इसमें सरकारी, निजी संस्थान, अस्पताल, मॉल, स्कूल और कॉलेज शामिल हैं। प्रदेश में स्कीम को बोर्ड के सहायक निदेशक विवेक कुमार देख रहे हैं। -एसके मेहता, निदेशक, बोर्ड ऑफ अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग, उत्तरी क्षेत्र

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