महाराष्ट्र: गिरफ्तार शिवसेना उद्धव गुट का नेता ईडी की हिरासत में

कोरोना महामारी के दौरान महाराष्ट्र में हुए खिचड़ी घोटाले में गिरफ्तार शिवसेना (उद्धव गुट) के पदाधिकारी सूरज चव्हाण को गुरुववार को एक कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने सूरज चव्हाण को 22 जनवरी तक ईडी की हिरासत में भेज दिया। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि आरोपित का एक वरिष्ठ नेता से गहरे संबंध हैं।

कोरोना महामारी के दौरान महाराष्ट्र में हुए खिचड़ी घोटाले में गिरफ्तार शिवसेना (उद्धव गुट) के पदाधिकारी सूरज चव्हाण को गुरुववार को एक कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे 22 जनवरी तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।

जांच एजेंसी ने क्या दलील दी?

जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि आरोपित का एक वरिष्ठ नेता से गहरे संबंध हैं। इसी के चलते वह खिचड़ी की आपूर्ति के लिए एक फर्म के लिए कार्य आदेश हासिल करने में कामयाब रहा। चव्हाण को शिवसेना उद्धव गुट के नेता आदित्य ठाकरे का करीबी बताया जाता है। ईडी ने अपने कार्यालय में पूछताछ के बाद मनी लांड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बुधवार शाम को उसे गिरफ्तार किया था।

सूरज चव्हाण की वरिष्ठ नेताओं से निकटता

मनी लांड्रिंग का यह मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की एफआईआर के बाद सामने आया था। एजेंसी के अनुसार, जांच के दौरान पता चला कि सूरज चव्हाण की वरिष्ठ नेताओं और प्रभावशाली व्यक्तियों से निकटता थी। इस कारण बीएमसी अधिकारियों द्वारा फोर्स वन मल्टी सर्विसेज को खिचड़ी वितरण का कार्य सौंपा गया।

इसमें कहा गया है कि कार्य आदेश देते समय किसी दिशा-निर्देश या मानदंड का पालन नहीं किया गया। जांच एजेंसी ने दावा किया है कि खिचड़ी के पैकेट की आपूर्ति के लिए बीएमसी द्वारा फोर्स वन मल्टी सर्विसेज के बैंक खाते में 8.64 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की गई।

जांच से पता चला कि फोर्स वन मल्टी सर्विसेज ने लगभग 3.64 करोड़ रुपये की आय अर्जित की, जिसमें से 1.25 करोड़ रुपये चव्हाण के व्यक्तिगत बैंक खाते में और 10 लाख रुपये साझेदारी फर्म के बैंक खाते में भेज दी गई।

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