इन पांच फिल्मों ने दर्शकों को एंटरटेन करने के साथ किया एजुकेट

फिल्में और सीरीज आम आदमी की जिंदगी का एक आम हिस्सा बन चुकी हैं। पॉलिटिक्स हो या फिर कॉमेडी या फिर हिंदी फिल्मों के जरिये थिएटर में जा रहे दर्शकों को एजुकेट करना, हर तरह की मूवी इंडियन सिनेमा में बनती आई हैं।

फिल्मों ने बच्चों से लेकर यूथ और बुजुर्गों हर किसी पर गहरा प्रभाव छोड़ा है। 12 जनवरी को हर साल यूथ डे मनाया जाता है। आपको बता दें कि इस दिन स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था, जिनके विचारों का यूथ पर एक गहरा प्रभाव रहा है। स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में हर साल मनाया जाता है।

जिस तरह से स्वामी विवेकानंद के विचारों ने हमेशा युवाओं को सही राह पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है, ठीक उसी तरह से बॉलीवुड में भी कई फिल्में हैं, जिन्होंने अपनी कहानी से सिर्फ दर्शकों का मनोरंजन ही नहीं किया है, बल्कि उन्हें एजुकेट करते हुए उनको एक सही दिशा की तरफ बढ़ाया।

स्वामी विवेकानंद जयंती और राष्ट्रीय युवा दिवस के खास मौके पर चलिए जानते हैं कि कौन-कौन सी फिल्मों ने लोगों का मनोरंजन करने के साथ-साथ उन्हें शिक्षित भी किया।

रंग दे बसंती

आमिर खान और शरमन जोशी स्टारर फिल्म ‘रंग दे बसंती’ हिंदी सिनेमा की यादगार फिल्मों में से एक हैं। राकेश ओम प्रकाश मेहरा ने इस फिल्म से लोगों को एंटरटेन किया ही, लेकिन इसके साथ ही वह इस फिल्म के साथ लोगों को शिक्षित भी कर गए।

रंग दे बसंती पांच ऐसे दोस्तों की कहानी है, जो एकदम अलग स्वभाव के हैं, लेकिन करप्शन की सच्चाई खोलने के लिए वह भगत सिंह और राजगुरु जैसे क्रांतिकारियों का रास्ता अपनाते हैं। आमिर खान स्टारर इस फिल्म में इस बात का पूरा ध्यान रखा गया था कि यूथ इस फिल्म से बोर ना हो, लेकिन दर्शकों तक एक सॉलिड मैसेज जरूर पहुंचे।

12th फेल

विक्रांत मैसी स्टारर फिल्म 12th फेल का नाम हर किसी की जुबान पर है। इस फिल्म के जरिये विधु विनोद चोपड़ा ने लोगों को आईपीएस ऑफिसर मनोज कुमार शर्मा की सच्ची कहानी दर्शायी थी। अक्सर अपने सपनों को छोड़कर हार मानकर बैठ जाने वाले यूथ के लिए 12वीं फेल एक बहुत बड़ा मैसेज है, जो क्लियरली ये दर्शाता है कि अगर जिंदगी में कुछ करने का जज्बा है, तो उसके आगे संघर्ष बहुत ही छोटे हैं।

छिछोरे

सुशांत सिंह राजपूत और श्रद्धा कपूर स्टारर ‘छिछोरे’ भी यादगार फिल्मों में से एक हैं। ये फिल्म भी स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चे स्टडी के प्रेशर में आकर सुसाइड जैसे बड़े निर्णय बिना सोचे-समझे ले लेते हैं, ये फिल्म उसी के प्रति दर्शकों को एजुकेट करती है।

सुशांत सिंह राजपूत और श्रद्धा कपूर स्टारर ‘छिछोरे’ आज की यूथ को ये मैसेज सीधे तौर पर देती है कि फेल होने से जिंदगी खत्म कर लेना, कोई समझदारी का काम नहीं है। हार के बावजूद भी अपने अन्दर जीने का जज्बा कभी भी नहीं छोड़ना चाहिए।

थ्री-इडियट्स

राजकुमार हिरानी की फिल्मों की सबसे बड़ी खासियत यही रही है कि उनकी फिल्में दर्शकों को सिर्फ एंटरटेन नहीं, बल्कि एजुकेट भी करती हैं। चाहे फिर वो पीके हो या फिर थ्री-इडियट्स।

आमिर खान-शरमन जोशी और आर माधवन स्टारर ये मूवी लोगों को सिखाती है कि जो दिल में पैशन है, उसे पूरा करने पर फोकस करना चाहिए, न कि परिवार या किसी के प्रेशर में आकर अपने सपनों को खत्म करना चाहिए। थ्री-इडियट्स यूथ को ये बात भी सिखाती है कि डर आपके हौसलों का सबसे बड़ा दुश्मन होता है।

धक-धक

हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई फिल्म ‘धक-धक’ को दर्शकों का बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला। इस फिल्म में फातिमा सना शेख, रत्ना पाठक शाह, दिया मिर्जा और संजना सांघी ने मुख्य भूमिका अदा की थी।

ये मूवी भी यूथ को इंस्पायर करने वाली मूवीज में से एक है, जो दर्शाती है कि अपने पैशन और सपने को पूरा करने की कोई उम्र नहीं होती है।

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