अमेरिका का डॉलर के कमजोर पड़ने से घटेगा दबदबा

2023 में दुनिया को स्तब्ध करने वाली कई घटनाएं हुई हैं। इनमें प्रमुख है, इजराइल पर हमास का हमला और फिर गाजा में इजराइल की कार्रवाई, चीनी स्पाई बैलून का मार गिराया जाना। आघात पहुंचाने वाली घटनाएं स्थिरता के लिए खतरे पैदा करती हैं। ऐसी घटनाएं संभव हैं लेकिन इनकी भविष्यवाणी बेहद मुश्किल होती है। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में चार रिसर्च प्रोजेक्ट के आधार पर विश्व को 2024 और उसके बाद प्रभावित करने वाली राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक घटनाओं का विश्लेषण किया गया है। विशेषज्ञों की राय भी ली गई है। इस वर्ष यूक्रेन युद्ध, इजराइल-हमास युद्ध और अमेरिका-चीन तनाव की वजह से दुनिया को कई मामलों में आधात लग सकते हैं। कारोबार को प्रभावित करने वाली घटनाएं हो सकती हैं। लेकिन कुछ घटनाएं ज्यादा असर डालेंगी।

तेल और दूसरे कारोबार में अन्य देशों की करेंसी चलने लगी
ग्लोबल रिजर्व करेंसी के रूप में डॉलर की प्रमुख भूमिका बनी रहेगी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय कारोबार में उसकी स्थिति कमजोर होगी। ब्रिक्स देश नई करेंसी की संभावना पर लगातार चर्चा कर रहे हैं। यों भी तेल का कुछ कारोबार डॉलर से हटकर दूसरी करेंसी में होने लगा है। चीन और भारत अपनी करेंसी में तेल ले रहे हैं। संयुक्त अरब अमीरात और श्रीलंका भारत से रुपए में कारोबारी लेनदेन की संभावना खोज रहे हैं। क्रिप्टो करेंसी और डिजिटल करेंसी में इंटरनेशनल ट्रेड बढ़ सकता है। 2025 में अमेरिकी डॉलर की तुलना में दूसरी करेंसी में व्यापार और अधिक बढ़ने से अमेरिका को झटका लगेगा।

सूर्य की किरणों को धरती पर आने से रोकने की कोशिश
जलवायु परिवर्तन की गति धीमी करने के लिए सरकारें अपने वादे के मुताबिक काम नहीं कर रही हैं। सरकारों की तरफ से कारगर कदम ना उठाने की स्थिति में प्राइवेट सेक्टर की भूमिका बढ़ेगी। एक अरबपति की पहल मुश्किल हालात पैदा कर सकती है। अमेरिकी कंपनी मेक सनसेट्स ने धरती को ठंडा करने के लिए आसमान में बादल भेजकर सूर्य की किरणों को रिफ्लेक्ट करने का प्रयोग शुरू किया है। उद्योगपति जार्ज सोरोस आर्कटिक के लिए इसका समर्थन कर चुके हैं। सोलर इंजीनियरिंग विवादग्रस्त टेक्नोलॉजी है। अमेरिका और यूरोपियन यूनियन इस पर नियंत्रण का विचार कर रहे हैं। इस टेक्नोलॉजी से देशों के बीच टकराव हो सकता है। कोई देश अपने पड़ोसी के खिलाफ ऐसी कार्रवाई कर सकता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से कई टकराव हो सकते हैं
सैम आल्टमैन जैसे दिग्गज और युवल इंटेलेक्चुअल आगाह यदि आर्टिफिशियल नियंत्रित नहीं किया मानवता को तबाह करने की क्षमता है। यह आने वाले एक- दो वर्षों में तो संभव एआई के टूल्स युद्ध डीपफेक वीडियो या हमलों से दो प्रतिद्वंद्वी नोआ हरारी जैसे कर चुके हैं कि इंटेलिजेंस को गया तो उसमें नहीं है लेकिन भड़का सकते हैं। चुनावों में साइबर देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है। कई शोधकर्ता और इंडस्ट्री लीडर एआई से तीसरा विश्व युद्ध होने जताते हैं। समाज में भी सकते हैं। ऑटोमेशन के हथियारों की आशंका टकराव हो जनरेटिव एआई और एआई के अगले ट्रेंड से काफी लोगों के जॉब चले जाएंगे।

पर्यावरण को लेकर हिंसक टकराव की आशंका बढ़ी
टेक्नोलॉजी अगर सरकारें जीवाश्म ईंधन को रोकने में नाकाम रहती हैं तो उसके हिंसक नतीजे संभव हैं। सरकारों और तेल कंपनियों के खिलाफ युवाओं की मुहिम तेज हो सकती है। बोर्ड रूम में अधिक एक्टिविस्ट इन्वेस्टर कंपनियों पर ग्रीन तरीके अपनाने के लिए दबाव डालेंगे। सरकारों के खिलाफ युवा ज्यादा मुकदमे दायर कर सकते हैं। अगस्त 2023 में अमेरिका के मोंटाना राज्य में युवाओं के एक ग्रुप ने जलवायु परिवर्तन रोकने में सरकार की भूमिका के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। कैलिफोर्निया में तेल कंपनियों पर मुआवजे का दावा पेश किया गया है। अगर मौसम के कहर से लोग बड़े पैमाने पर प्रभावित होंगे तो सरकारों और तेल कंपनियों के खिलाफ उग्र और हिंसक प्रतिक्रिया हो सकती है।

डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिका का राष्ट्रपति चुने जाने की संभावना
नवंबर 2023 में अमेरिका में अधिकतर एजेंसियां जो बाइडेन के अमेरिका का राष्ट्रपति चुने जाने की संभावना जता रही थीं। लेकिन अब कई सर्वेक्षणों में पर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की वापसी का अनुमान जताया गया है। इस समय इस तथ्य की अनदेखी नहीं हो सकती कि राष्ट्रपति बाइडेन की लोकप्रियता कम है। ट्रम्प ने अपने चुनाव अभियान के लिए करोड़ों रुपए जुटा लिए हैं। मुकदमों के कारण समर्थकों और वोटरों के बीच ट्रम्प की लोकप्रियता बढ़ी है। बाइडेन के स्वास्थ्य ने रिपब्लिकन पार्टी का दावा मजबूत किया है। ट्रम्प फिर राष्ट्रपति बनते हैं तो अमेरिका और दुनिया में अस्थिरता बढ़ेगी।

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