पूंच: घुसपैठ के लिए पाकिस्तान की लगाई आग ने की नियंत्रण रेखा पार

मेंढर में भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर बालाकोट सेक्टर में शुक्रवार देर रात पीओजेके की तरफ से लगी आग शनिवार तड़के नियंत्रण रेखा के इस पार पहुंच गई। आग ने भारतीय क्षेत्र में नियंत्रण रेखा के आस-पास के कई किलोमीटर क्षेत्र को चपेट में ले लिया है। दुश्मन की घुसपैठ रोकने के लिए बिछाई गई बारूदी सुरंगों में आग से विस्फोट हो रहे हैं। क्षेत्र में दिनभर दर्जनों बारूदी सुरंगों में विस्फोट हुआ। इसकी गूूंज पुंछ सहित आस-पास के क्षेत्र में दिन भर गूंजती रही।
आग से बड़ी संख्या में वन्य जीवों के साथ वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है। नियंत्रण रेखा के उस पार से बढ़ रही आग को रोकने के लिए सेना पहले से ही सतर्क हो गई थी। आग के इस पार पहुंचने के साथ ही सुबह से सेना के जवान इस पर काबू पाने में जुटे रहे। सेना के सूत्रों के अनुसार शाम तक आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया था। गौरतलब है कि जिले में नियंत्रण रेखा के उस पार से आतंकियों द्वारा पाकिस्तानी सेना के सहयोग से अकसर इस प्रकार आग लगाने की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है ताकि इससे बारूदी सुरंगें तबाह हो जाएं और आतंकी सुरक्षित घुसपैठ कर सकें।
मुगल रोड पर वाइल्ड लाइफ कंपार्टमेंट पनाड़ में लगी आग :
शनिवार सुबह पुंछ जिले की सुरनकोट तहसील में मुगल रोड पर स्थित वाइल्ड लाइफ विभाग के पनाड़ स्थित कंपार्टमेंट में अचानक आग लग गई। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। जानकारी मिलते ही विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे और किसी बड़े नुकसान से पहले आग पर काबू पा लिया।
कड़ाके की ठंड में रातभर तलाशी घुसपैठ संभावित इलाकों में नाके
नियंत्रण रेखा के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी न होने से घुसपैठ रोकने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। कड़ाके की ठंड में भी सुरक्षाबल तलाशी अभियान चला रहे हैं। साथ ही नियंत्रण रेखा से सटे क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी गई है।
सुरक्षाबलों के जवान नियंत्रण रेखा से सटे क्षेत्रों में आधुनिक हथियारों से लैस होकर न सिर्फ गश्त कर रहे हैं बल्कि पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्रों से आने वाले नालों पर विशेष पैनी नजर रखने के साथ एंबुश लगा रहे हैं।
हाड़ कंपा देने वाली ठंड में पूरे उत्साह से ड्यूटी दे रहे सुरक्षाबलों के जवानों का कहना है कि जनवरी का पहला सप्ताह बीत जाने पर भी इस बार पहाड़ों पर बर्फबारी नहीं हुई है। इसके चलते आतंकियों की घुसपैठ के सभी रास्ते खुले हैं। घुसपैठ की संभावनाओं को देखते हुए इस प्रकार की चौकसी बरती जा रही है।