कालाष्टमी के दिन क्या करें और क्या न करें ? यहां जानें

सनातन धर्म में काल भैरव की पूजा का खास महत्व है। हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। इस खास अवसर पर निशाकाल में काल भैरव देव की विधिपूर्वक पूजा-व्रत करने का विधान है। इस बार साल 2024 की पहली कालाष्टमी 4 जनवरी को है। कालाष्टमी की रात्रि को तंत्र विद्या सीखने वाले साधक अनुष्ठान करते हैं। धार्मिक मत है कि कालाष्टमी के दिन कुछ कार्यों को करने की मनाही है, जिनको करने से काल भैरव नाराज हो जाते हैं और साधक को जीवन में संकटों का सामना करना पड़ता है। तो चलिए जानते हैं कालाष्टमी के दिन क्या करें और क्या नहीं।

कालाष्टमी के दिन क्या करें

कालाष्टमी के दिन काल भैरव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उन्हें नींबू की माला चढ़ाएं।

इसके अलावा इस दिन श्रदा अनुसार गरीबों को दान करें।

कालाष्टमी के अवसर पर काल भैरव का गुणगान करें।

कालाष्टमी के दिन काल भैरव की विधिपूर्वक पूजा करें।

काल भैरव को जलेबी और मिठाई का भोग लगाना चाहिए।

कालाष्टमी के दिन क्या न करें

कालाष्टमी के दिन किसी का अपमान नहीं करना चाहिए।

इसके अलावा काल भैरव की पूजा के लिए किसी का नाश न करें।

इस दिन मांसाहार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।

कालाष्टमी के दिन नुकीली चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

किसी पशु-पक्षी को परेशान नहीं करना चाहिए।

कालाष्टमी का महत्व

कालाष्टमी का दिन काल भैरव को समर्पित है। मान्यता है कि कालाष्टमी के दिन विधिपूर्वक काल भैरव की पूजा-अर्चना करने से साधक के पाप, कर्म और दुख दूर हो जाते हैं। इस दिन व्रत करने से काल भैरव का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिन लोगों को डरावने सपने आते हैं उन्हें कालाष्टमी व्रत करने से भगवान शिव के स्वरूप काल भैरव की कृपा मिलती है।

काल भैरव मंत्र

ओम कालभैरवाय नम:

ओम भयहरणं च भैरव:

ओम ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं.

ओम भ्रं कालभैरवाय फट्

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