कानपुर: विकास पथ पर टेकऑफ…लेकिन उड़ान अभी लंबी
कानपुर को इस साल मिली उपलब्धियों में सबसे बड़ी और अहम सौगात एयरपोर्ट की रही। रोजाना 144 उड़ानों की आवाजाही की क्षमता वाला नया एयरपोर्ट टर्मिनल (सिविल इंन्क्लेव) 26 मई को जनता को समर्पित किया गया। फिलहाल यहां से अभी तीन उड़ानें बंगलूरू, मुंबई और दिल्ली की संचालित हैं। इस एयरपोर्ट पर एक घंटे में तीन एयरबस (ए-321 और बी-327) उतर सकती हैं और उड़ान भर सकती हैं।
एयरपोर्ट अथॉरिटी के सर्वे के मुताबिक एक साल में 10 लाख हवाई यात्री यहां से आ जा सकते हैं। नया एयरपोर्ट पुराने से 16 गुना बड़ा है। एयरपोर्ट के निदेशक संजय कुमार ने बताया कि जब से नया एयरपोर्ट चालू हुआ है, यात्रियों की संख्या बढ़ी है। कोहरे के दिनों में कम दृश्यता के बावजूद तीनों फ्लाइट आ-जा रही हैं। भविष्य में विमानों की संख्या बढ़ने की योजना के साथ इसका निर्माण कराया गया है।
12 जिलों से है सीधी कनेक्टिविटी
कानपुर एयरपोर्ट सीधे तौर पर आसपास के 12 जिलों की डेढ़ करोड़ की आबादी की पहुंच में है। एएआई के सर्वे के मुताबिक कानपुर नगर, कानपुर देहात, उन्नाव, फतेहपुर, जालौन, बांदा, हमीरपुर, महोबा, औरैया, इटावा, कन्नौज, फर्रुखाबाद के यात्री लखनऊ के बजाय कानपुर एयरपोर्ट से आसानी से उड़ान भर सकते हैं। भविष्य की इसी योजना के तहत इसे तैयार किया है।
ऐसा है नया कानपुर एयरपोर्ट
50 एकड़ जमीन में बना नया टर्मिनल भवन 6243 वर्गमीटर के क्षेत्र में फैला है। 150 करोड़ रुपये की लागत से बना एयरपोर्ट मौजूदा टर्मिनल से 16 गुना बड़ा है।
तीन एप्रन हैं, जिससे एक बार में तीन बड़े विमान एयरबस आ-जा सकते हैं।
आईएलएस-2 के उच्चीकरण और एप्रोच लाइटों की वजह से कम दृश्यता में उड़ान भरने की सुविधा है। रात में छोटे विमानों की लैंडिंग आसानी से हो रही है।
नए टर्मिनल के प्रतीक्षालय में 400 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। टर्मिनल की पार्किंग में 150 कारें और दो बसें खड़ी हो सकती हैं।
850 वर्ग मीटर में बना एक बड़ा शॉपिंग हॉल है। इसमें यात्रियों के लिए खरीदारी और खाने पीने की सुविधा है।
दृष्टिबाधित यात्रियों के लिए स्पर्श पथ प्रावधान किए गए हैं। डबल इंसुलेटेड धातु से बनी छत से गर्मी और आवाज भीतर नहीं जाती है। भूजल के लिए वर्षा जल संचयन, जल शोधन संयंत्र, सीवेज शोधन संयंत्र और 100 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र है।
कानपुर से अलीगढ़ तक भरो फर्राटा
इस साल जीटी रोड चौड़ीकरण का काम पूरा होने से बड़ी राहत मिली है। आईआईटी के पास से बिल्हौर, अलीगढ़, गाजियाबाद होते हुए दिल्ली तक का सफर सुगम बनाने के लिए एनएचएआई ने जीटी रोड का चौड़ीकरण कराया है। आईआईटी से मंधना के बीच छह लेन के एलिवेटेड रोड के 90 मीटर हिस्से का निर्माण और हाईटेंशन लाइन शिफ्टिंग का काम की महज बाकी है। मंधना से गाजियाबाद तक चार लेन के राजमार्ग पर वाहन फर्राटा भरने लगे हैं। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रशांत दुबे ने फरवरी में चौड़ीकरण काम शतप्रतिशत पूरा होने का दावा किया है।
99.5 प्रतिशत से ज्यादा काम हो चुका पूरा प्रयागराज हाईवे का
एनएचएआई ने चार लेन के चकेरी-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग को छह लेन का कर दिया है। इसके तहत रूमा से कोखराज तक 145 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग का चौड़ीकरण किया गया है। ऐसा होेेने से रामादेवी से प्रयागराज तक 200 किलोमीटर की दूरी दो से तीन घंटे में पूरी होने लगी, जबकि पहले चार से छह घंटे लगते थे। इस रूट से रोज करीब एक लाख वाहनों का आवागमन होता है। पांच साल में यह काम 99.5 प्रतिशत से ज्यादा पूरा हो चुका है। फतेहपुर और कौशांबी में कुछ जगह सर्विसलेन का काम चल रहा है। एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर अमन रोहिल्ला ने बताया कि जमीन अर्जन में विलंब की वजह से यह काम पूरा नहीं हो पाया। अगले महीने पूरा हो जाएगा।
द स्पोर्ट्स हब से खेलों का मिल रहा बढ़ावा
कानपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड (केएससीएल) की तरफ से बनवाए गए द स्पोर्ट्स हब (टीएसएच) से शहर में क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों को भी बढ़ावा मिल रहा है। इसमें शूटिंग, बॉक्सिंग, स्वीमिंग, बैडमिंटन, वालीबॉल, टेबल टेनिस सहित ओलंपिक में शामिल 22 तरह के खेलों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
मेट्रो ने पकड़ी रफ्तार, अगले साल नौबस्ता तक पूरा होगा निर्माण
28 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईआईटी से मोतीझील के बीच मेट्रो संचालन का लोकार्पण किया था। इस रूट पर रोजाना औसतन पांच हजार यात्री आवागमन करते हैं। इस साल चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नरौरा चौराहा (नयागंज) भूमिगत मेट्रो स्टेशनों निर्माण ने रफ्तार पकड़ी है। इन स्टेशनों में टिकटघर, सिग्नल, कंट्रोल रूम के निर्माण के साथ ही प्लेटफार्मों में पत्थर बिछाए जा रहे हैं। कानपुर सेंट्रल से नौबस्ता तक मेट्रो रूट का निर्माण भी अगले साल दिसंबर तक पूरा करने का दावा किया है।
दादानगर समानांतर पुल निर्माण का भी काम शुरू
शहर से दक्षिणी क्षेत्र में आवागमन आसान करने के लिए सेतु निगम ने दादानगर समानांतर पुल (रेलवे ओवरब्रिज) का निर्माण शुरू कर दिया है। कानपुर-झांसी रेलवे लाइन पर 55 करोड़ रुपये से 727 मीटर लंबा पुल बनवाया जा रहा है। सेतु निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर विजय कुमार सेन ने ढाई साल में निर्माण पूरा करने का दावा किया है।
रिंग रोड के दो पैकेज में काम शुरू
रिंग रोड का निर्माण भी शुरू हो गया है। शहर के चारों तरफ नगर, देहात और उन्नाव जिले में बनने वाले 93 किलोमीटर लंबे छह लेन के रिंग रोड के चार पैकेज में से दो (मंधना-सचेंडी और सचेंडी से रमईपुर) में काम शुरू हो गया है। फिलहाल ठेकेदार कंपनी राज कंस्ट्रक्शन इन दोनों पैकेजों में अर्जित की गई जमीन का समतलीकरण कर रही है। पैकेज-1 में सड़क का बेस बनाने के लिए खोदाई शुरू कर दी है।
जाम का घर जरीबचौकी क्रॉसिंग पर अंडरपास को हरी झंडी
अनवरगंज से मंधना तक जीटी रोड के समानांतर बिछी रेलवे लाइन को एलिवेटेड करने में बाधक बनी जरीबचौकी क्रॉसिंग पर अंडरपास के प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई है। सेतु निगम दिल्ली की एक कंसल्टेंट कंपनी से इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करा रही है।
अटकी योजनाएं, फाइलों में फंसीं उम्मीदें
मल्टीलेवल पार्किंग के लिए एएसआई की अनुमति का रोड़ा
केएससीएल की तरफ से कलक्ट्रेट परिसर में 46.34 करोड़ रुपये से मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण छह महीने पहले शुरू कराया गया था। साढ़े छह सौ वाहन क्षमता वाली इस छह मंजिला पार्किंग निर्माण के लिए खोदाई शुरू हुई थी, तभी एएसआई ने गोरा कब्रिस्तान संरक्षित स्थल नजदीक होने का हवाला देकर आपत्ति करते हुए काम रुकवा दिया था। स्मार्ट सिटी और निर्माण इकाई सीएंडडीएस के अफसरों ने एएसआई की अनुमति लेने में लगातार लापरवाही की, इसके चलते काम ठप पड़ा है।
न्यू कानपुर सिटी योजना 28 साल बाद भी सपना
28 साल से प्रतीक्षित न्यू कानपुर सिटी योजना अभी भी सपना ही है। मैनावती मार्ग और कल्याणपुर-बिठूर रोड के बीच करीब 160 एकड़ में प्रस्तावित इस योजना में विकास कार्य और हजारों लोगों का आशियाने का सपना पूरा होना तो दूर केडीए अभी तक जमीन ही नहीं खरीद पाया है। एक बार शासन से प्रस्ताव खारिज होने के बाद संशोधित प्रस्ताव को हरी झंडी तो मिल गई है, लेकिन अब केडीए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अगले साल तक ही शुरू कर सकता है।
कानपुर-कबरई राष्ट्रीय राजमार्ग भी भटका
कानपुर-सागर मार्ग पर रोजाना जाम का सामना करने को मजबूर लाखों लोगों को कानपुर-कबरई के बीच प्रस्तावित नए राष्ट्रीय राजमार्ग से उम्मीदें बंधी थीं। पर यह प्रस्ताव इस साल भी फाइलों में ही कैद रह गया। एनएचएआई अभी तक इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी तैयार नहीं कर पाया है।
रामादेवी-गोल चौराहा एलिवेटेड रोड पर भी गोलमोल प्रयास
जीटी रोड पर रामादेवी से गोल चौराहा तक जाम से निजात दिलाने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दो साल पहले एनएन पीडब्ल्यूडी के माध्यम से एलिवेटेड रोड के लिए सर्वे कराया। बाद में चार लेन के इस एलिवेटेड रोड के सर्वे और अपनी देखरेख में निर्माण का ठेका एक कंपनी को दिया, पर बाद में ठेका निरस्त कर दिया गया। आठ माह पहले नए सिरे से कंसल्टेंट के चयन के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हुई, पर लखनऊ स्थित रीजनल ऑफिस की लापरवाही से कार्य शुरू नहीं हो पाया।