जिस शहर को मानते हैं दुनिया में सबसे खूबसूरत, वहां मौजूद है 2000 साल पुराना कूड़े का पहाड़!

इस धरती पर मौजूद हर शहर अलग-अलग कारणों से चर्चा में रहता है. पर कुछ शहर अपनी सुंदरता के लिए जाने जाते हैं. दुनिया के सबसे खूबसूरत शहरों की जब-जब बात होती है, तो उसमें रोम का नाम जरूर शामिल किया जाता है. शायद इसी वजह से कहते हैं- रोम एक दिन में नहीं बना था. यहां पर कई ऐतिहासिक स्मारकें हैं, जिसे देखने के लिए लाखों लोग आते हैं. पर क्या आप जानते हैं कि जो शहर अपने में इतना खूबसूरत है, उसमें एक ऐसा पर्वत भी है, जो इस जगह की खूबसूरती में दाग की तरह से है. यहां 2000 साल पुराना (2000 year old garbage dump) कूड़े का पहाड़ भी है. दिल्ली के कूड़े (Delhi garbage dump) के पहाड़ तो आपने शायद देखे हों, पर ये पहाड़ आपको चौंका सकता है.

नेशनल जियोग्राफिक वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार रोम के बाहरी इलाके, होरिया गैलबे (Horrea Galbae) के पास, टाइबर नदी से कुछ ही दूर एक छोटा सा पहाड़ (Rome garbage dump) है, जिसपर घास और पेड़ लगे हुए हैं. दूर से देखने पर ये आपको एक मामूली पहाड़ सा लगेगा पर असल में ये एक प्राचीन लैंडफिल, यानी कूड़ा फेंकने की जगह हुआ करती थी. प्राचीन रोम में यहां पर कूड़ा फेंका जाता था, इस वजह से इसे गुजरे जमाने का सबसे बड़ा डंपिंग ग्राउंड भी माना जाता है.

100 फीट ऊंचा है पहाड़
ये पहाड़ चौड़ाई में करीब 1 कीलोमीटर फैला हुआ है. इसका बेस 20 हजार स्क्वायर मीटर में है और ये 35 मीटर यानी 100 फीट से भी ज्यादा ऊंचा है. अब सवाल ये उठता है कि अगर ये पहाड़ कूड़े से बना है, तो फिर इसमें पड़ा क्या है, ये किस चीज से बना हुआ है? दरअसल, पुराने समय में यहां लोग एमफोरा फेंका करते थे. ये सेरामिक से बने एक तरह के जार हुआ करते थे, जिसमें लोग ऑलिव ऑयल भरा करते थे. इस पहाड़ को Monte Testaccio के नाम से जाना जाता है. अम्यूजिंग प्लैनेट वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार यहां 5 करोड़ से ज्यादा मटकों के टुकड़े थे, जो जमा होते-होते पहाड़ के रूप में आ गए. उसमें करीब 600 करोड़ लीटर तेल को लाया-ले जाया जाता था.

सामानों को स्टोर करने के लिए होता था मटके का इस्तेमाल
नेशनल जियोग्राफिक के अनुसार इस जगह पर घूमने के लिए पहले से अपॉइंटमेंट लेनी पड़ती है. अंदर जाने के लिए 370 रुपये का टिकट लेना पड़ता है. अम्यूजिंग प्लैनेट के अनुसार पुराने समय में इसी मटकों में तेल के साथ-साथ अन्य तरह के सामानों को ले जाया जाता था. इनको बनाने का खर्च भी काफी कम आता था. पुराने समय में तेल रखने के लिए इनकी बहुत डिमांड होती थी. जब लोग इसका इस्तेमाल कर लेते, तो इस जगह पर लाकर फेंक देते. ऐसे धीरे-धीरे ये पहाड़ ऊंचा होता गया. दूसरी सदी में इस जगह पर करीब 1.3 लाख मटके एक साल में डंप किए जाते थे.

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