पीक ऑवर्स में बिजली आपूर्ति में पहले स्थान पर यूपी!

उत्तर प्रदेश में उपभोक्ताओं को पीक आवर्स में बिजली देने के मामल में पहले स्थान पर है। अगले गर्मी सीजन में करीब 30 हजार मेगावाट आपूर्ति देने की तैयारी है। ओबरा की 660 मेगावाट की एक यूनिट का ट्रायल पूरा हो गया है। यहां शुक्रवार के बाद पूरी क्षमता से उत्पादन होने लगेगा, जबकि 660 मेगावाट की जवाहरपुर की एक अन्य यूनिट जनवरी में शुरू हो जाएगी। ओबरा और जवाहरपुर की अन्य एक-एक यूनिट निर्माणाधीन हैं। इन्हें भी मई से पहले चलाने की तैयारी है।

अभी तक बिजली आपूर्ति के मामले में महाराष्ट्र नंबर एक पर रहा है। राज्यसभा में 19 दिसंबर को पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2023- 24 में अप्रैल से नवंबर 2023 तक पीक आवर्स में उत्तर प्रदेश ने यह रिकॉर्ड तोड़ दिया है। उत्तर प्रदेश में मांग 28704 मेगावाट थी, जिसके सापेक्ष 24 जुलाई को 28284 मेगावाट आपूर्ति की गई। इसी तरह महाराष्ट्र ने 31178 मेगावाट के सापेक्ष 27996 मेगावाट ही बिजली आपूर्ति कर पाया। अब नए सीजन के लिए पावर कारपोरेशन ने मांग का लक्ष्य 30 हजार से अधिक का बनाया है। इसके तहत प्रदेश में बिजली व्यवस्था की तैयारी शुरू हो गई है।

ओबरा की 660 मेगावाट की नई यूनिट शुक्रवार के बाद पूरी क्षमता से उत्पादन देने लगेगी। इस इकाई को 765 केवी के अनपरा डी से उन्नाव पारेषण लाइन से जोड़कर परीक्षण किया गया है। अब इसे ग्रीड से जोड़ कर 72 घंटे पूरी क्षमता से चलाया जाएगा। इसी तरह जवाहरपुर की 660 मेगावाट की एक यूनिट का ट्रायल चल रहा है। इसे जनवरी के पहले सप्ताह में चलाने की तैयारी है। ओबरा और जवाहरपुर की 660-660 मेगावाट की एक-एक इकाई का निर्माण कार्य चल रहा है। पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डा. आशीष कुमार गोयल ने बताया कि पीक सीजन के लिए 30 हजार से अधिक की मांग होने की उम्मीद को देखते हुए हर स्तर पर तैयारी की जा रही है। उत्पादन बढ़ाने के साथ ही बैकिंग से भी इंतजाम किया जाएगा। ताकि उपभोक्ताओं को किसी तरह की समस्या न हो।

विद्युत उत्पादन में बनेगा इतिहास : एके शर्मा
 ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में इतिहास रचने जा रहा है। ओबरा-सी की एक यूनिट में मंगलवार दोपहर 2.30 बजे से पूरी क्षमता से उत्पादन शुरू कर दिया गया। 72 घंटे बाद इसे नियमित मान लिया जाएगा। यहां की दो इकाइयां सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी आधारित हैं। करीब 13,005 करोड़ से बनने वाली यह परियोजना जीरो लिक्विड डिस्चार्ज से युक्त है। इस प्लांट से उत्पादित विद्युत का 100 प्रतिशत क्रय के लिए अनुबंध है। ओबरा-डी के 800 मेगावाट के दो प्लांट का अनुबंध एनटीपीसी से हुआ है। पनकी में भी 660 मेगावाट की एक यूनिट के विस्तार के बाद वह अगले वर्ष से कार्य करने लगेगी। घाटमपुर में भी 660 मेगावाट की तीन यूनिटों को स्थापित किया जा रहा है। अभी सभी थर्मल पावर प्लांट से विद्युत उत्पादन की कुल क्षमता 6100 मेगावाट है।

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