जहर देकर ले ली सैकड़ों गौरैया की जान

एजेन्सी/सरकार की गौरैया संरक्षण की कोशिशों को बलिया में बड़ा झटका लगा है। यहां शिकारियों ने सैकड़ों गौरैया को एक झटके में मार डाला। बांसडीहरोड थाने के माधोपुर गांव के बोहा ताल में रविवार की सुबह सैकड़ों गौरैया मरी पड़ी मिलीं। ग्रामीणों ने हल्ला मचाया तो शिकारी आसपास खेतों में मृत पड़ी सैकड़ों गौरैया को बटोरकर ले भागे। वन विभाग ने मौके से 36 पंछियों को बरामद किया है। इस मामले में अज्ञात शिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मृत गौरैयों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। बताया गया कि गौरैयों का शिकार खाने के लिए किया गया।
माधोपुर गांव के बोहा ताल में शिकारी कीटनाशक दवाएं देकर पंछियों का शिकार अक्सर करते हैं। मांस कम होने के कारण ये आम तौर पर गौरैया को निशाना नहीं बनाते लेकिन रविवार की सुबह उन्होंने सैकड़ों गौरैयों को मार डाला। सुबह खेत में गए कुछ किसानों ने बड़ी तादाद में मरी हुई गौरैयों को देख कर शोर मचाना शुरू कर दिया। गांव के लोग जुटे इससे पहले ही शिकारी ज्यादातर गौरैयों को समेट कर ले भागे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहा है कि शिकार करने वाले किशोरवय के थे।
प्रधान प्रतिनिधि सुधीर चौधरी, बृजकिशोर चौरसिया, नदेश्वर गुप्त, मंजीत, रविशंकर, पप्पू, वृजेंद्र प्रसाद, दीपक, राजू ने इसकी सूचना पुलिस और वन विभाग को दी। डीएफओ एसएन सिंह के निर्देश पर फारेस्ट रेंजर श्रीकांत राय एवं वन दारोगा के साथ मौके पर पहुंचे। वहां से 36 मृत गौरैया बरामद हुईं। उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। इस मामले में फारेस्ट रेंजर की तहरीर पर थाने में अज्ञात शिकारियों के विरुद्ध वन जीव संरक्षण अधिनियम धारा नौ तथा 51 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। थाने के प्रभारी निरीक्षक नंदलाल ने बताया कि शिकारियों का पता लगाया जा रहा है।पंछियों को पकड़ने के लिए शिकारी जिस जहर का इस्तेमाल करते हैं, वह धीमा होता है। शुरुआत में मनुष्य को उससे नुकसान नहीं होता लेकिन ज्यादा समय तक ऐसे पंछियों को खाने से किडनी प्रभावित हो सकती है। फारेस्ट रेंजर श्रीकांत राय ने बताया कि शिकारी पंछियों को इतना ही जहर देते हैं, जिससे वे बेहोश हो जाएं। जहर की मात्रा ज्यादा होने के कारण गौरैयों की जान चली गई।
नगर पशु चिकित्सा अधिकारी डा. एके श्रीवास्तव ने बताया कि जहर देकर मारे गए पक्षी के सेवन से किसी की जान तो नहीं जाती लेकिन लंबे समय ऐसे पक्षियों के सेवन से किडनी नष्ट हो जाती है।
इस घटन की सूचना है। हो सकता है कि गौरैया किसी कीटनाशक के छिड़काव से मरी हों। इसकी जांच कराई जाएगी। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है।
-चैतन्य नारायण, मंडल वन संरक्षक, आजमगढ़ मंडल वन प्रभाग