राष्ट्रपति शासन के खिलाफ हाईकोर्ट ने स्वीकार की याचिका

nainital-high-court_landscape_1458189124एजेन्सी/उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने के मामले में कांग्रेस ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सोमवार को उत्तराखंड के कई दिग्गज कांग्रेसी नेता नैनीताल हाईकोर्ट पहुंचे। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की तरफ से पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनुसिंघवी अनुच्छेद 356 को अदालत में चुनौती दे रहे हैं।

बताया गया कि न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की एकलपीठ में कांग्रेस की याचिका स्वीकार कर ली गई है। जिसके बाद न्यायालय ने विपक्ष को जवाब देने के लिए कुछ समय दिया है। कांग्रेस द्वारा जवाब दाखिल करने के ‌बाद ही सुनवाई आगे बढ़ेगी।

सुबह करीब साढ़े दस बजे हाईकोर्ट में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के ‌खिलाफ सुनवाई शुरू हो गई। रविवार को दिल्ली में पत्रकारों को जानकारी देते हुए पार्टी प्रवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा था कि केंद्र सरकार के निर्णय के खिलाफ पार्टी हाईकोर्ट जाएगी और राष्ट्रपति शासन को वापस लेने के लिए माननीय न्यायालय से निवेदन करेगी। उन्होंने राष्ट्रपति शासन लगाने जाने की वैधानिकता पर भी सवाल उठाए। 

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी सोमवार को दिल्ली से नैनीताल पहुंचे। उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का भी कहना था कि सरकार हाईकोर्ट जाएगी। इसके अलावा कांग्रेस दूसरे मंचों और जनता की अदालत में भी जाएगी। 

राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद कांग्रेस ने न्यायिक विकल्पों पर विचार शुरू कर दिया था। इस संबंध में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के संबंध में निर्णय लिया गया।कांग्रेस ने रणनीति बनाई है कि कोर्ट में याचिका दाखिल करने के साथ ही अन्य जन मंचों का भी इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही पार्टी ने चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है।

 प्रदेश में राजनीतिक संकट पैदा होने के बाद कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को चुनावी मोड में कर दिया था। अब जब राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका है तो कांग्रेस भाजपा को चारों तरफ से घेरना चाहती है। कांग्रेस केंद्र सरकार के निर्णय को जनता के बीच जाकर अन्याय के रूप में साबित करना चाहती है। 

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि हमारे पास न्यायिक विकल्प भी हैं। लेकिन, मैं जनता के बीच जाना ज्यादा पसंद करूंगा। उत्तराखंड के लोगों को बताऊंगा कि मोदी ने सरकार की ‘हत्या’ इसलिए करवाई कि इसका मुख्यमंत्री गांव की, गरीब की बात कर रहा था।

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